भारत में अगले 3 दिन तूफानी मौसम का अलर्ट! उत्तर से दक्षिण तक मचेगी बारिश और ठंड की हलचल – जानें कहां गिरेगी बर्फ, कहां गरजेंगे बादल
भारत में अक्टूबर के आखिरी और नवंबर की शुरुआत के बीच मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के ताजा अनुमान के अनुसार, आने वाले तीन दिनों तक देश के कई हिस्सों में बारिश, आंधी और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) और मोंथा चक्रवात (Cyclone Montha) के संयुक्त प्रभाव से उत्तर भारत में ठंड और कोहरे का असर दिखेगा, जबकि दक्षिण भारत में भारी बारिश और तेज हवाओं का दौर जारी रहेगा।
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा में अगले तीन दिन तक मौसम का रुख तूफानी रहेगा। वहीं, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी और बारिश से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जाएगी। आइए जानते हैं, अगले तीन दिनों का पूरा मौसम पूर्वानुमान और किन राज्यों में किस तरह का मौसम रहेगा।
मौसम विभाग का बड़ा अलर्ट: तीन दिन रहेगा तूफानी मौसम
मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि 30 अक्टूबर से 1 नवंबर 2025 तक देशभर में बड़ा मौसमी बदलाव देखने को मिलेगा।
- उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहेगा, जिससे बारिश और बर्फबारी की संभावना है।
- दक्षिण भारत में चक्रवाती तूफान मोंथा का असर बना रहेगा, जिससे तेज हवाएं और भारी वर्षा होगी।
- पूर्वी और मध्य भारत में इस सिस्टम का अप्रत्यक्ष असर देखने को मिलेगा, जहां हल्की से मध्यम बारिश संभव है।
उत्तर भारत का मौसम: बारिश और ठंड की एंट्री
दिल्ली-एनसीआर का मौसम
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों – नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम – में अगले दो से तीन दिन आंशिक बादल और हल्का कोहरा देखने को मिलेगा।
- न्यूनतम तापमान: 17-18°C
- अधिकतम तापमान: 28°C
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगभग 300 के आसपास रहेगा, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। हल्की हवा और बादलों के कारण प्रदूषण में मामूली सुधार संभव है।
उत्तर प्रदेश का मौसम अपडेट
उत्तर प्रदेश में सर्दी की दस्तक शुरू हो गई है।
- पश्चिमी यूपी में मौसम शुष्क रहेगा।
- जबकि पूर्वी यूपी (वाराणसी, प्रयागराज, गाजीपुर, आजमगढ़ आदि) में मेघ गर्जन और हल्की बारिश के आसार हैं।
IMD के अनुसार, बारिश के बाद तापमान में 3-4 डिग्री की गिरावट होगी, जिससे ठंड और कोहरे का असर तेजी से बढ़ेगा।
राजस्थान में नया मौसमी तंत्र सक्रिय
जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार, अगले 3-4 दिन तक दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होगी।
- न्यूनतम तापमान: 14°C
- अधिकतम तापमान: 28-30°C
तीन नवंबर को एक नया पश्चिमी विक्षोभ फिर से सक्रिय होगा, जिससे बारिश और सर्दी का असर बढ़ेगा।
बिहार और झारखंड का मौसम
पटना मौसम केंद्र के अनुसार, राज्य के 9 जिलों में झमाझम बारिश का अलर्ट है।
- पटना, जमुई, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार और चंपारण जिलों में 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। इससे तापमान में गिरावट और ठंड की शुरुआत होगी।
हिमालयी राज्यों में बर्फबारी का असर
उत्तराखंड में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
उत्तराखंड में ऊंचाई वाले इलाकों – जैसे कुमाऊं और गढ़वाल – में बर्फबारी और बारिश के आसार हैं।
- तापमान में 3-4°C की गिरावट होगी।
- बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों तक पहुंचेगा, जिससे ठंड तेज होगी।
हिमाचल प्रदेश का मौसम
हिमाचल में अगले तीन दिन कोहरा और ठंड दोनों में इजाफा होगा।
- ताबो में तापमान पहले ही माइनस 0.8°C पहुंच चुका है।
- गुरुवार और शुक्रवार को बर्फबारी की संभावना है।
पूर्वी भारत: ओडिशा और बंगाल में मोंथा तूफान का असर
ओडिशा का मौसम
भुवनेश्वर, पुरी, बालासोर, खुर्दा और जगतसिंहपुर जिलों में 45 से 65 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं और भारी बारिश की चेतावनी जारी है।
- येलो अलर्ट 11 जिलों के लिए लागू है।
- अगले 2-3 दिन तक कई इलाकों में बहुत भारी वर्षा होगी।
पश्चिम बंगाल का मौसम
उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और कूचबिहार में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है क्योंकि हवाओं की गति 60 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है।
दक्षिण भारत: मोंथा चक्रवात की तबाही जारी
तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल
मोंथा तूफान के असर से तमिलनाडु में अगले 6 दिन तक वर्षा होने की संभावना है।
- हवाओं की रफ्तार: 45-55 किमी/घंटा, जो कभी-कभी 65 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है।
- आसमान बादलों से ढका रहेगा, और कई जिलों में रुक-रुक कर बारिश होगी।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना
चक्रवाती तूफान अब कमजोर होकर लो-प्रेशर सिस्टम में तब्दील हो गया है, लेकिन इसके प्रभाव से
- आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम क्षेत्रों में 110 किमी/घंटा की हवाएं चलीं।
- तेलंगाना में वारंगल, हैदराबाद, खम्मम, करीमनगर आदि जिलों में भारी बारिश जारी है।
भारत के प्रमुख शहरों का तापमान चार्ट
| राज्य/शहर | न्यूनतम तापमान (°C) | अधिकतम तापमान (°C) | मौसम स्थिति |
|---|---|---|---|
| दिल्ली | 17 | 28 | आंशिक बादल, ठंड |
| जयपुर | 14 | 30 | हल्की बारिश |
| पटना | 18 | 27 | तेज हवाएं, बारिश |
| लखनऊ | 16 | 28 | हल्की बारिश |
| देहरादून | 12 | 24 | बारिश, ठंड |
| श्रीनगर | 4 | 15 | बर्फबारी |
| चेन्नई | 25 | 31 | भारी बारिश |
| हैदराबाद | 22 | 29 | गरज के साथ वर्षा |
| भुवनेश्वर | 23 | 30 | तेज हवाएं, तूफान |
| मुंबई | 26 | 32 | आंशिक बादल |
अगले 3 दिन का संभावित प्रभाव
- कृषि पर असर: फसलों को बारिश और तेज हवाओं से नुकसान हो सकता है।
- यातायात में बाधा: कई पहाड़ी और तटीय इलाकों में सड़कें बंद हो सकती हैं।
- स्वास्थ्य प्रभाव: अचानक तापमान गिरने से सर्दी-जुकाम और संक्रमण का खतरा बढ़ेगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
भारत का मौसम फिलहाल संक्रमण के दौर से गुजर रहा है — एक तरफ उत्तर भारत में सर्दी और कोहरे की एंट्री, तो दूसरी तरफ दक्षिण और पूर्वी भारत में तूफान और बारिश की तबाही। IMD की मानें तो अगले तीन दिन देशभर में मौसम बेहद गतिशील रहेगा, और लोगों को खास सावधानी बरतनी चाहिए। पहाड़ी इलाकों में यात्रा से बचें, और तटीय राज्यों में मछुआरे समुद्र में न जाएं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. आने वाले तीन दिनों में किन राज्यों में सबसे ज्यादा बारिश होगी?
उत्तर: दक्षिण भारत के राज्यों – तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल – में भारी से बहुत भारी बारिश होगी। वहीं, उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और बर्फबारी के आसार हैं।
Q2. क्या दिल्ली और उत्तर भारत में ठंड बढ़ेगी?
उत्तर: हाँ, पश्चिमी विक्षोभ और बारिश के कारण उत्तर भारत में तापमान 3 से 4 डिग्री तक गिर सकता है। नवंबर की शुरुआत तक ठंड में स्पष्ट बढ़ोतरी होगी।
Q3. मोंथा चक्रवात का असर कब तक रहेगा?
उत्तर: मोंथा तूफान अगले 2 से 3 दिनों तक सक्रिय रहेगा। इसके बाद धीरे-धीरे कमजोर पड़कर लो-प्रेशर सिस्टम में बदल जाएगा।
Q4. हिमाचल और उत्तराखंड में बर्फबारी कब तक जारी रहेगी?
उत्तर: इन राज्यों में 1 नवंबर तक बर्फबारी की संभावना है। इसके बाद मौसम धीरे-धीरे साफ हो सकता है, लेकिन ठंड और कोहरा बढ़ेगा।
Q5. यात्रियों और किसानों के लिए क्या सलाह दी गई है?
उत्तर: यात्रियों को पहाड़ी और तटीय इलाकों की यात्रा से बचना चाहिए। किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसल और पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर रखें और मौसम विभाग के अपडेट्स पर नजर बनाए रखें।




