उत्तराखंड मौसम अलर्ट 10 अप्रैल 2025 🌧️❄️: आंधी, ओलावृष्टि और बारिश से गर्मी से राहत, पर बढ़ी आफत!
उत्तराखंड में मौसम ने अचानक करवट ली है और लोगों को गर्मी से तो राहत मिली है, लेकिन इसके साथ ही प्राकृतिक आपदा का खतरा भी बढ़ गया है। बुधवार, 10 अप्रैल 2025 को उत्तरकाशी से लेकर पिथौरागढ़ तक तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि 🌩️ ने पूरे प्रदेश को प्रभावित किया है। मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है, जिससे साफ है कि अगले कुछ दिनों तक हालात और भी खराब हो सकते हैं।
☁️ उत्तराखंड का मौसम बदला, गर्मी से मिली राहत
मार्च महीने से ही उत्तराखंड में तापमान तेजी से बढ़ रहा था। देहरादून का अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका था 🌡️। मैदान ही नहीं, बल्कि पहाड़ भी गर्मी से झुलसने लगे थे। लेकिन बुधवार को अचानक मौसम में बदलाव आया और पूरे प्रदेश में बादल छा गए।
🌪️ आंधी और ओलावृष्टि ने बढ़ाई मुसीबत
जहां एक ओर बारिश से लोगों को राहत मिली, वहीं दूसरी ओर तेज आंधी और ओलावृष्टि ने पहाड़ी क्षेत्रों में तबाही मचा दी है। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, बागेश्वर, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी और ओलावृष्टि का खतरा मंडरा रहा है। ⚠️

⚡ मैदानी इलाकों में भी तेज हवाएं और बिजली की चमक
देहरादून, पौड़ी, नैनीताल और चंपावत जिलों में भी 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चलने और बिजली चमकने की चेतावनी जारी की गई है। विभाग के अनुसार, इन जिलों में ओलावृष्टि और तेज बारिश भी हो सकती है।
🟠 मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट – प्रशासन अलर्ट मोड में
मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए ऑरेंज अलर्ट 🟠 के चलते प्रदेश के सभी संबंधित जिलों के प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए टीमें तैयार रहें।
🌧️ तेज बारिश से बदले हालात, लेकिन आई आफत
बुधवार को हुई बारिश ने गर्मी से राहत तो दी, लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। चमोली जिले के थराली में एक घंटे की मूसलाधार बारिश से देवराडा और सिपाही गदेरे उफान पर आ गए। 🌊
🚗 सड़कें अवरुद्ध, वाहन मलबे में दबे
- थराली-देवाल मोटर मार्ग पर खड़े तीन वाहन मलबे में दब गए 🚙
- थराली-देवाल और ग्वालदम-थराली मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गए
- लगभग 200 से अधिक वाहन डेढ़ घंटे तक फंसे रहे
- थराली के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी पानी भर गया 🏥
🌲 पिंडर घाटी में भारी नुकसान, पेड़ गिरे और मलबा बहा
चमोली जनपद की पिंडर घाटी में उफनते नालों और गिरते मलबे ने तीन वाहनों को दबा दिया। कई स्थानों पर पेड़ गिरने और सड़कों पर मलबा आने के कारण रास्ते बाधित हो गए 🌳🚧।
🛣️ गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर रुक-रुक कर यातायात
उत्तरकाशी में गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर भी पहाड़ से मलबा और पत्थर गिरने के कारण रास्ता दो घंटे तक बंद रहा ⛰️। इसके चलते यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
🌾 ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान
तेज बारिश और ओलावृष्टि की वजह से खेतों में खड़ी गेहूं, जौ और सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गईं हैं। किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है 🚜❌।
🌦️ कुमाऊं मंडल में भी बदला मौसम
- पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में तेज हवाओं और बारिश का असर
- अन्य जिलों में भी बादल छाए रहे और तापमान में गिरावट आई
🌨️ पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय रहने से आने वाले दिन भारी
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय रहने के कारण अगले तीन दिन तक कई स्थानों पर बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात की संभावना है 🏔️❄️।
📢 मौसम से जुड़े सुरक्षा उपाय
लोगों को सलाह दी जाती है कि:
- अनावश्यक यात्रा से बचें 🚫
- मोबाइल पर मौसम से जुड़े अलर्ट चेक करते रहें 📱
- खुले मैदानों और पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचें
- किसान फसलों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएं 👨🌾
🧭 सरकार और आपदा प्रबंधन की तैयारी
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने हर जिले को अलर्ट पर रखा है। रेस्क्यू टीम, मेडिकल स्टाफ, और लोक निर्माण विभाग सभी मोर्चे पर तैयार हैं।
🔚 निष्कर्ष: राहत के साथ आई बड़ी चुनौती
उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर से अपना प्रचंड रूप दिखा दिया है। जहां एक ओर गर्मी से लोगों को राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक आपदा की नई चुनौतियां सामने आ गई हैं। प्रशासन से लेकर आम जनता तक, सभी को सतर्क रहना बेहद ज़रूरी है।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
❓ उत्तराखंड में कब तक बारिश जारी रहेगी?
👉 मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिन तक बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात की संभावना है।
❓ किन जिलों में सबसे ज्यादा असर देखा गया है?
👉 उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, देहरादून, और नैनीताल में मौसम का खासा असर देखने को मिला है।
❓ ओलावृष्टि से कौन सी फसलें प्रभावित हुई हैं?
👉 गेहूं, जौ, आलू, टमाटर और अन्य सब्जियां प्रभावित हुई हैं।
❓ क्या यातायात पर असर पड़ा है?
👉 हां, कई मार्गों पर मलबा गिरने के कारण आवागमन बाधित रहा है।
❓ प्रशासन द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं?
👉 सभी जिलों में आपदा प्रबंधन टीमें तैनात कर दी गई हैं और अलर्ट जारी किया गया है।