उत्तराखंड मौसम अपडेट 22 अगस्त 2025: आज का मौसम देहरादून से चंपावत तक बदला, बागेश्वर-चंपावत में भारी बारिश का अलर्ट और उत्तरकाशी में आपदा का खतरा
उत्तराखंड का मौसम हमेशा से अनिश्चित माना जाता है। कभी यहां धूप खिल जाती है तो कभी अचानक तेज बारिश दस्तक दे देती है। अगस्त का महीना पहाड़ी राज्यों के लिए सबसे संवेदनशील समय माना जाता है क्योंकि इस दौरान मानसून अपने चरम पर होता है। 22 अगस्त 2025 का दिन भी उत्तराखंड के लिए मौसम की करवट लेकर आया है। जहां एक ओर गुरुवार को प्रदेशभर में चटक धूप खिली रही और तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया गया, वहीं आज यानी शुक्रवार को बागेश्वर और चंपावत जिलों के लिए मौसम विभाग ने भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा, राज्य के अन्य जिलों में भी तेज बारिश और बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। इस बदलते मौसम ने न केवल लोगों की दिनचर्या प्रभावित की है बल्कि प्रशासन को भी अलर्ट रहने पर मजबूर कर दिया है।
उत्तराखंड में बदल रहा मौसम का मिजाज
उत्तराखंड में गुरुवार को सुबह से लेकर शाम तक चटक धूप खिली रही। तेज धूप ने पूरे प्रदेश में गर्मी का अहसास बढ़ा दिया था। देहरादून में तापमान सामान्य से 5 डिग्री ज्यादा यानी 34.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 22.1 डिग्री सेल्सियस रहा। पंतनगर में अधिकतम तापमान 34.6 और न्यूनतम 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, मुक्तेश्वर में तापमान अपेक्षाकृत कम रहा, जहां अधिकतम 21.5 और न्यूनतम 14.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। नई टिहरी में भी अधिकतम तापमान 26.1 और न्यूनतम 16.2 डिग्री सेल्सियस रहा।
बागेश्वर और चंपावत में भारी बारिश का अलर्ट
आज यानी 22 अगस्त को मौसम विभाग ने खासतौर पर बागेश्वर और चंपावत जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है। इन क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जिसका अर्थ है कि लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। तेज बारिश के साथ बिजली गिरने और भूस्खलन की घटनाओं की आशंका भी बनी हुई है। पहाड़ी इलाकों में बारिश का यह दौर न केवल आम जनजीवन को प्रभावित कर रहा है बल्कि सड़क मार्गों के अवरुद्ध होने का खतरा भी बढ़ गया है।
उत्तरकाशी में आपदा का खतरा
गुरुवार को उत्तरकाशी जिले के बड़कोट क्षेत्र में आपदा ने एक बार फिर दस्तक दी। स्यानाचट्टी के पास नाले में अचानक मलबा और बोल्डर आने से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया। नतीजतन, नदी का पानी आसपास के घरों और होटलों में घुस गया। हालात गंभीर होते देख प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्यानाचट्टी, कुथनौर और खरादी गांव को खाली करा दिया। प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों और पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
मौसम विभाग का अनुमान
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून ट्रफ लाइन का असर फिलहाल कमजोर पड़ा है, लेकिन पहाड़ी इलाकों में बारिश की गतिविधियां बनी रहेंगी। निचले इलाकों में धूप-गर्मी और बीच-बीच में हल्की बारिश का क्रम जारी रहेगा। हालांकि, बागेश्वर और चंपावत जैसे जिलों में भारी बारिश के चलते भूस्खलन और जलभराव का खतरा अधिक है।
जनजीवन पर असर
तेज धूप और उमस के बाद अचानक बारिश ने प्रदेश के लोगों को राहत दी है। लेकिन बारिश का यह दौर कई इलाकों में मुसीबत भी लेकर आया है। गांवों में सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं और नदियों का जलस्तर बढ़ने से खतरा बढ़ गया है। किसानों के लिए यह बारिश फायदेमंद भी हो सकती है, लेकिन लगातार भारी बारिश फसलों को नुकसान भी पहुंचा सकती है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड का मौसम इन दिनों तेजी से बदल रहा है। 22 अगस्त 2025 को जहां एक ओर चटक धूप से लोगों को गर्मी झेलनी पड़ी, वहीं अगले ही दिन भारी बारिश ने हालात बदल दिए। बागेश्वर और चंपावत में भारी बारिश का अलर्ट और उत्तरकाशी में आई आपदा इस बात का संकेत हैं कि पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। आने वाले दिनों में मौसम विभाग की चेतावनी और प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करना ही सबसे सुरक्षित उपाय है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. क्या 22 अगस्त 2025 को पूरे उत्तराखंड में भारी बारिश होगी?
नहीं, भारी बारिश का अलर्ट मुख्य रूप से बागेश्वर और चंपावत जिलों के लिए जारी किया गया है। अन्य जिलों में मध्यम बारिश और बिजली गिरने की संभावना है।
Q2. उत्तरकाशी में आई आपदा का कारण क्या था?
स्यानाचट्टी के पास नाले में मलबा और बोल्डर आने से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा और पानी घरों-होटलों में घुस गया।
Q3. क्या इस बारिश से तापमान में गिरावट आएगी?
हां, बारिश के कारण अधिकतम तापमान में कमी होगी और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।
Q4. क्या पर्यटकों के लिए उत्तराखंड में सफर सुरक्षित है?
फिलहाल जिन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है, वहां यात्रा टालना बेहतर है। मौसम सामान्य होने पर ही पर्यटकों को आना चाहिए।
Q5. उत्तराखंड में मानसून का असर कब तक रहेगा?
आम तौर पर उत्तराखंड में मानसून सितंबर के अंत तक सक्रिय रहता है, लेकिन इसकी तीव्रता धीरे-धीरे कम हो जाती है।