23 अगस्त से 25 अगस्त तक एमपी का मौसम अलर्ट: भोपाल और श्योपुर में भारी बारिश, शिवपुरी-गुना-रतलाम में बाढ़ का खतरा, देखें आज का मौसम और कल का मौसम रिपोर्ट
मध्य प्रदेश इस समय भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थितियों से जूझ रहा है। बीते एक सप्ताह से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लगातार हो रही तेज बारिश, आंधी-तूफान और बिजली गिरने की घटनाओं ने हालात को और गंभीर बना दिया है। मौसम विभाग ने 25 अगस्त तक इस स्थिति के बने रहने की संभावना जताई है। खासतौर पर श्योपुर, शिवपुरी, गुना, मंदसौर, रतलाम और आगर-मालवा जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। इन जिलों में प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है और बचाव कार्यों के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। राजधानी भोपाल समेत अन्य कई शहरों में भी रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिससे लोगों की दैनिक दिनचर्या प्रभावित हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान समय में पांच अलग-अलग मौसम प्रणालियों का असर प्रदेश पर पड़ रहा है, इसी कारण भारी बारिश का दौर जारी है।
मध्य प्रदेश में मानसून की मेहरबानी
सावन की झमाझम बारिश के बाद अब भादो में भी आसमान मेहरबान नजर आ रहा है। लगभग हर जिले में लगातार पानी गिर रहा है। श्योपुर जिले में बीते 24 घंटों में 78 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिससे नदी-नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। वहीं, रतलाम और नीमच जिलों में भी बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। निवाड़ी को छोड़कर पूरे प्रदेश में बारिश ने अपने निशान छोड़े हैं।
विशेषज्ञों की राय
मौसम विशेषज्ञ डॉ. शैलेंद्र नायक के अनुसार, वर्तमान समय में पांच अलग-अलग मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं, जिनका असर मध्य प्रदेश पर पड़ रहा है। इन्हीं के कारण लगातार वर्षा हो रही है। राजधानी भोपाल में भी रुक-रुक कर बारिश जारी है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त है।
इन जिलों में बाढ़ की आशंका सबसे ज्यादा
मौसम विभाग ने श्योपुर, शिवपुरी, गुना, मंदसौर, रतलाम और आगर-मालवा जिलों में अचानक बाढ़ आने का खतरा जताया है। शुक्रवार को यहां भारी वर्षा दर्ज की गई थी और आने वाले 24 घंटे और अधिक चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं। प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है और ग्रामीण इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
24 घंटों में कहां कितनी बारिश दर्ज हुई
पिछले 24 घंटों के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे अधिक बारिश श्योपुर में 78 मिमी दर्ज की गई। इसके अलावा गुना में 41.6 मिमी, रतलाम में 36 मिमी, शिवपुरी में 31 मिमी और भोपाल में 28.2 मिमी पानी बरसा। वहीं, पचमढ़ी, रायसेन, खंडवा और मंडला जिलों में भी अच्छी खासी वर्षा दर्ज हुई।
शुक्रवार दिनभर की बारिश का हाल
शुक्रवार को सुबह 8.30 से शाम 5.30 बजे तक अलग-अलग जिलों में अलग-अलग मात्रा में वर्षा हुई। इसमें बालाघाट सबसे आगे रहा, जहां 33 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा मंडला में 23 मिमी, जबलपुर और दमोह में 9-9 मिमी, श्योपुर में 14 मिमी और रीवा में 4 मिमी बारिश हुई। राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला देखने को मिला।
प्रशासनिक तैयारियां और जनजीवन पर असर
तेज बारिश और बाढ़ की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क किया जा रहा है और जरूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। ग्रामीण इलाकों में नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ने से पुल और सड़कें जलमग्न हो रही हैं, जिससे यातायात प्रभावित है। वहीं, किसानों की फसलों के लिए यह बारिश एक ओर राहत है तो दूसरी ओर ज्यादा पानी से नुकसान की भी आशंका बनी हुई है।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश में मानसून ने इस बार जबरदस्त दस्तक दी है। हालांकि इससे किसानों को जहां राहत मिल रही है, वहीं तेज बारिश ने कई जिलों में बाढ़ जैसी चुनौती खड़ी कर दी है। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद प्रशासन अलर्ट पर है और प्रभावित क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखी जा रही है। आने वाले दिनों में हालात सामान्य रहेंगे या और बिगड़ेंगे, यह बारिश के अगले दौर पर निर्भर करेगा।
FAQs
प्रश्न 1: किन जिलों में बाढ़ का सबसे ज्यादा खतरा है?
श्योपुर, शिवपुरी, गुना, मंदसौर, रतलाम और आगर-मालवा जिलों में बाढ़ का खतरा अधिक है।
प्रश्न 2: सबसे ज्यादा बारिश कहां दर्ज की गई?
पिछले 24 घंटों में श्योपुर जिले में 78 मिमी बारिश दर्ज की गई।
प्रश्न 3: क्या भोपाल में भी भारी बारिश हो रही है?
भोपाल में रुक-रुक कर मध्यम बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित है।
प्रश्न 4: बारिश का कारण क्या है?
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय पांच अलग-अलग मौसम प्रणालियों का असर प्रदेश पर पड़ रहा है।
प्रश्न 5: प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं?
प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तैयारी की जा रही है।