Heavy Rain in MP 28-30 अगस्त 2025: आज का मौसम इंदौर-जबलपुर में झमाझम, कल का मौसम ग्वालियर-उज्जैन में होगी मूसलाधार बारिश – मौसम विभाग का बड़ा अपडेट
मध्य प्रदेश के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश का दौर तेज़ होने जा रहा है। मौसम विभाग ने इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन जैसे प्रमुख संभागों में झमाझम वर्षा की संभावना जताई है। इस बदलाव से किसानों और आम लोगों को राहत मिल सकती है क्योंकि बारिश से गर्मी और उमस में कमी आएगी, वहीं खरीफ फसलों को भी संजीवनी मिलेगी। अगले कुछ दिनों में मानसून सक्रिय रहने की संभावना है और मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में अच्छी बारिश होगी। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किन जिलों में भारी वर्षा के आसार हैं, बंगाल की खाड़ी में बने दबाव का क्या असर होगा और प्रदेश के मौसम का आगामी रुख कैसा रहेगा।
मध्य प्रदेश में मानसून की सक्रियता
मध्य प्रदेश में मानसून ने अब पूरी तरह से रफ्तार पकड़ ली है। प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला जारी है और आने वाले दिनों में यह और तेज़ हो सकता है। वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में बने गहरे कम दबाव के क्षेत्र का असर पूरे मध्य भारत में दिखाई देने लगा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह दबाव और शक्तिशाली होकर ओडिशा की तरफ बढ़ेगा और उसके बाद इसका प्रभाव मध्य प्रदेश पर भी और गहराएगा।
बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र
उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में बना यह कम दबाव का क्षेत्र मौसम का मुख्य कारण है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार यह दबाव गुरुवार तक पश्चिम-उत्तर दिशा में आगे बढ़ेगा। साथ ही, दक्षिणी पंजाब पर भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है, जिससे बारिश की संभावना और बढ़ गई है। यही वजह है कि आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में झमाझम बारिश देखने को मिलेगी।
किन जिलों में होगी भारी वर्षा?
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में झमाझम वर्षा की संभावना है। इन जगहों पर लगातार बारिश होने से तापमान में गिरावट आएगी और मौसम सुहाना बनेगा। वहीं, अन्य जिलों जैसे गुना, रतलाम, नरसिंहपुर, शिवपुरी और छिंदवाड़ा में भी अच्छी बारिश दर्ज की जा सकती है। पिछले 24 घंटों के दौरान गुना में 52.2 मिमी, मलाजखंड में 39.2 मिमी, रतलाम में 30 मिमी और नरसिंहपुर में 21 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
मौसम प्रणालियों की भूमिका
वर्तमान समय में मध्य प्रदेश पर दो प्रमुख मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। पहली प्रणाली मानसून द्रोणिका है, जो बीकानेर, वनस्थली, दमोह, पेंड्रा रोड से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। दूसरी प्रणाली दक्षिणी पंजाब पर बने चक्रवात के कारण है। दोनों ही प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव से प्रदेश में तेज़ बारिश का सिलसिला देखने को मिलेगा।
कृषि और आम जनता पर प्रभाव
झमाझम बारिश से किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा क्योंकि खरीफ फसलें पानी की कमी से जूझ रही थीं। अच्छी बारिश से धान, सोयाबीन और मक्का जैसी फसलों की बुआई और बढ़वार में मदद मिलेगी। वहीं, लगातार हो रही वर्षा से भूमिगत जल स्तर भी बेहतर होगा। दूसरी ओर, आम लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिलेगी और मौसम सुहावना बनेगा। हालांकि, भारी वर्षा से कुछ इलाकों में जलभराव और यातायात प्रभावित होने की आशंका भी है।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश में मानसून एक बार फिर पूरी तरह सक्रिय हो गया है और अगले कुछ दिनों में इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन जैसे जिलों में झमाझम बारिश के आसार हैं। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र और दक्षिणी पंजाब पर बने चक्रवात के चलते यह बारिश और व्यापक हो सकती है। आने वाले दिनों में प्रदेश के मौसम में बड़ा बदलाव होगा और इससे किसानों और आम जनता दोनों को राहत मिलेगी।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. मध्य प्रदेश के किन जिलों में भारी वर्षा की संभावना है?
जवाब: जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में भारी वर्षा की संभावना है।
Q2. बंगाल की खाड़ी में बने दबाव का क्या असर होगा?
जवाब: बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र मध्य भारत में झमाझम बारिश का कारण बनेगा।
Q3. किसानों पर बारिश का क्या प्रभाव पड़ेगा?
जवाब: खरीफ फसलों को पर्याप्त पानी मिलेगा, जिससे उत्पादन बेहतर होगा और किसानों को राहत मिलेगी।
Q4. क्या आम जनता को बारिश से कोई परेशानी हो सकती है?
जवाब: हां, भारी वर्षा से जलभराव और यातायात में दिक्कत आ सकती है।
Q5. बारिश का सिलसिला कितने दिनों तक चल सकता है?
जवाब: मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश जारी रह सकती है।
