Bihar Weather Update 30-31 अगस्त 2025: पटना, मुंगेर, बक्सर, गोपालगंज और भागलपुर में आज का मौसम भारी बारिश वाला, कल भी उत्तर बिहार में अलर्ट जारी
बिहार का मौसम एक बार फिर करवट ले चुका है और राज्य के कई जिलों में बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पिछले कई दिनों से जहां केवल छिटपुट बारिश देखने को मिल रही थी, वहीं अब मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस बारिश का असर सिर्फ मौसम पर ही नहीं, बल्कि जनजीवन, कृषि और बाढ़ की स्थिति पर भी पड़ रहा है। खासकर पटना, मुंगेर, बक्सर और भागलपुर जैसे जिलों में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा और भी गहरा गया है। आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और हजारों हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि उत्तर बिहार के कई जिलों में आज और कल भारी बारिश होगी, जबकि शेष हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इस बीच किसानों के लिए सरकार ने मुआवजे की योजना भी शुरू कर दी है ताकि उन्हें कुछ राहत मिल सके।
बिहार में बारिश का नया दौर
बिहार में शनिवार से मौसम ने अचानक करवट बदली और कई जिलों में झमाझम बारिश ने लोगों को भीगने पर मजबूर कर दिया। पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज और भागलपुर जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है। वहीं, पटना, गयाजी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पूर्णिया जैसे जिलों में मध्यम स्तर की बारिश हो रही है। भोजपुर, बक्सर, औरंगाबाद और अरवल जैसे जिलों में हल्की बारिश होने के आसार हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बारिश के साथ तेज हवाएं और गरज-चमक भी देखने को मिलेगी। हालांकि, उमस का प्रभाव भी लोगों को परेशान कर सकता है।
मॉनसून की कमजोरी और बारिश की कमी
बिहार में मॉनसून इस समय कमजोर स्थिति में है। ट्रफ लाइन राज्य के ऊपर सक्रिय नहीं है, लेकिन उत्तर बिहार के कुछ जिलों में अन्य मौसमी सिस्टमों के कारण अधिक बारिश हो रही है। समग्र रूप से देखें तो बिहार में अब तक 28 फीसदी बारिश की कमी दर्ज की गई है। इसका सीधा असर किसानों की खेती और ग्रामीण इलाकों की जीवनशैली पर पड़ रहा है।
बाढ़ की स्थिति और प्रभावित इलाके
पटना, मुंगेर और बक्सर जिलों में गंगा और कर्मनाशा नदी का जलस्तर बढ़ने से खतरा मंडराने लगा है। बक्सर में तो कर्मनाशा नदी का पानी स्टेट हाईवे तक पहुंच गया है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, पटना, भोजपुर, वैशाली, भागलपुर, खगड़िया, कटिहार, लखीसराय, मधेपुरा और नालंदा जिले के 500 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। ग्रामीण इलाकों में लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
किसानों की फसलें बर्बाद
भारी बारिश और बाढ़ से किसानों की हालत सबसे खराब हो गई है। पटना जिले के 13 प्रखंडों की 115 पंचायतों में लगभग 20 हजार हेक्टेयर भूमि पर लगी खरीफ फसलों को नुकसान हुआ है। धान की फसल बर्बाद हो चुकी है, जबकि सब्जियों और मक्के की खेती भी प्रभावित हुई है। पटना पूर्वी प्रखंड में धान की फसल पूरी तरह डूब गई है, वहीं पटना सदर क्षेत्र की सब्जियां नष्ट हो चुकी हैं। घोसवरी प्रखंड में मक्का की खेती पर बड़ा असर पड़ा है।
सरकार की राहत योजना
किसानों की मुश्किलों को देखते हुए सरकार ने कृषि इनपुट अनुदान योजना (2025-26) के तहत आवेदन मंगाए हैं। इस योजना का उद्देश्य प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता देना है। किसानों को उनके फसल नुकसान के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा ताकि वे आगामी सीजन की तैयारी कर सकें।
मुख्य शहरों का तापमान और AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक)
बिहार के प्रमुख शहरों में तापमान और AQI के आंकड़े शुक्रवार तक इस प्रकार दर्ज किए गए:
- पटना: अधिकतम तापमान 34 डिग्री, न्यूनतम 28.5 डिग्री, AQI 66
- मुजफ्फरपुर: अधिकतम तापमान 30 डिग्री, न्यूनतम 27.6 डिग्री, AQI 50
- गयाजी: अधिकतम तापमान 34 डिग्री, न्यूनतम 26.4 डिग्री, AQI 51
- पूर्णिया: अधिकतम तापमान 32 डिग्री, न्यूनतम 27.3 डिग्री, AQI 35
- भागलपुर: अधिकतम तापमान 33.1 डिग्री, न्यूनतम 27.9 डिग्री, AQI 56
इन आंकड़ों से साफ है कि बारिश के बावजूद बिहार के कई जिलों में गर्मी और उमस बनी हुई है।
बारिश का असर जनजीवन पर
भारी बारिश और जलजमाव ने लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। पटना शहर में कई इलाके पानी में डूबे हुए हैं, जिससे यातायात बाधित हो रहा है। स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राएं और दफ्तर जाने वाले लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में तो हालात और भी गंभीर हैं, जहां बाढ़ से घरों और पशुओं की सुरक्षा खतरे में है।
नदियों का बढ़ता जलस्तर
गंगा, सोन और कर्मनाशा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। खासकर पटना और भागलपुर में गंगा का उफान लोगों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। नदी किनारे बसे गांवों में लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
बिहार में मौसम का यह बदला मिजाज न केवल लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहा है, बल्कि किसानों की आजीविका पर भी सीधा असर डाल रहा है। भारी बारिश और बाढ़ की वजह से जहां गांव जलमग्न हो गए हैं, वहीं फसलें भी नष्ट हो चुकी हैं। हालांकि सरकार राहत और मुआवजा देने की कोशिश कर रही है, लेकिन मौसमी अस्थिरता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बिहार जैसे राज्यों के लिए मॉनसून कितनी बड़ी चुनौती है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्रश्न 1: आज बिहार में कहां भारी बारिश होगी?
उत्तर: आज पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज और भागलपुर जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
प्रश्न 2: बिहार में कितने जिलों में बाढ़ का असर है?
उत्तर: आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, लगभग 502 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जो 9 जिलों में फैले हुए हैं।
प्रश्न 3: किसानों की फसलों को कितना नुकसान हुआ है?
उत्तर: पटना जिले में लगभग 20 हजार हेक्टेयर खरीफ फसलें, जिनमें धान, सब्जियां और मक्का शामिल हैं, बर्बाद हो चुकी हैं।
प्रश्न 4: सरकार किसानों को क्या मदद दे रही है?
उत्तर: सरकार कृषि इनपुट अनुदान योजना (2025-26) के तहत किसानों को मुआवजा देने के लिए आवेदन आमंत्रित कर रही है।
प्रश्न 5: बिहार में बारिश की कमी कितनी है?
उत्तर: वर्तमान में बिहार में लगभग 28% बारिश की कमी दर्ज की गई है।