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आज का मौसम 30 अगस्त से 4 सितंबर: दिल्ली, राजस्थान, यूपी, बिहार और हिमाचल में भारी बारिश का अलर्ट, बाढ़-बिजली से हाहाकार

दिल्ली-राजस्थान-यूपी-बिहार-हिमाचल आज का मौसम 30 अगस्त से 4 सितंबर: भारी बारिश से तबाही, नदियां उफान पर और स्कूल-कॉलेज बंद

भारत में मानसून हमेशा से जीवन का अभिन्न हिस्सा रहा है, लेकिन इस बार यह लोगों के लिए राहत के साथ-साथ कहर भी बनकर बरस रहा है। इस वर्ष मानसून ने देश के कई राज्यों में विकराल रूप धारण कर लिया है। नदियों, झीलों और तालाबों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। वहीं, मैदानों में लगातार हो रही बारिश ने बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए साफ किया है कि 30 अगस्त से 4 सितंबर तक देश के कई हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। इससे आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित होगा और कई राज्यों में स्कूल-कॉलेजों को बंद करना पड़ा है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि किन राज्यों में स्थिति गंभीर बनी हुई है और कब तक राहत मिलने की उम्मीद है।


देशभर में मानसूनी बारिश का कहर

इस साल मानसून ने देशभर में जमकर बरसात की है। लगातार हो रही बारिश के कारण तापमान में तो गिरावट आई है, लेकिन इसका दूसरा पहलू बेहद चिंताजनक है। नदियां उफान पर हैं, झीलें और बांध ओवरफ्लो हो रहे हैं और कई इलाकों में जलभराव ने जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। खासकर पहाड़ी राज्यों में बारिश ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। यहां सड़कें टूट गई हैं, मकान ढह गए हैं और कई जगहों पर लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन करने को मजबूर हैं।


राजस्थान: 4 सितंबर तक भारी बारिश का सिलसिला जारी

राजस्थान में इस सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 30 अगस्त से 4 सितंबर तक कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है। शनिवार को प्रदेश के करीब 30 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। बारिश के चलते खेतों में जलभराव हो गया है और ग्रामीण इलाकों में जीवन पूरी तरह प्रभावित हुआ है।


दिल्ली: यमुना का जलस्तर खतरे के निशान पर

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 30 अगस्त को भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने पूर्वी दिल्ली, शाहदरा, दक्षिण-पूर्वी दिल्ली और मध्य दिल्ली में अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। वहीं, अन्य इलाकों में मध्यम से हल्की बारिश की संभावना है। बारिश की वजह से यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। यदि बारिश का सिलसिला जारी रहा, तो बाढ़ का खतरा और बढ़ सकता है।


उत्तर प्रदेश: 17 जिले बाढ़ की चपेट में

उत्तर प्रदेश में भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। मौसम विभाग ने यहां भी भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी जारी की है। वर्तमान में राज्य के 17 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बलिया और बहराइच जैसे जिलों में हालात बेहद गंभीर हैं। कई गांवों का संपर्क मुख्य सड़कों से टूट गया है और प्रशासन को बचाव कार्यों में मशक्कत करनी पड़ रही है।


बिहार: 32 जिलों में बारिश का अलर्ट

बिहार में मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने 32 जिलों में भारी बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया है। विभाग ने लोगों से घरों में सुरक्षित रहने और पेड़ों के नीचे पनाह न लेने की अपील की है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 1 सितंबर से मानसून एक बार फिर सक्रिय होगा और कई दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। इससे पहले ही बाढ़ से जूझ रहे जिलों की स्थिति और बिगड़ सकती है।


हिमाचल प्रदेश: स्कूल-कॉलेज बंद, सड़कें ठप

हिमाचल प्रदेश में मानसून ने कहर बरपाया है। कांगड़ा, कुल्लू और सिरमौर जैसे जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। बीती रात हुई भारी बारिश से 900 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई हैं और कई नेशनल हाईवे पर यातायात बाधित हुआ है। भूस्खलन और मकानों के ध्वस्त होने से लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बिना वजह घर से बाहर न निकलें।


मानसून का असर: आम जनजीवन अस्त-व्यस्त

लगातार हो रही बारिश से देश के अधिकांश हिस्सों में आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। परिवहन सेवाएं बाधित हैं, कई जगह रेल और सड़क यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। किसानों के खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो गई हैं जिससे कृषि क्षेत्र को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।


IMD की चेतावनी और आगे का अनुमान

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में भी हालात में ज्यादा सुधार की उम्मीद नहीं है। उत्तर भारत के कई राज्यों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश होती रहेगी। पहाड़ी राज्यों में विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है क्योंकि भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं किसी भी समय सामने आ सकती हैं।


निष्कर्ष (Conclusion)

यह स्पष्ट है कि मानसून का यह दौर केवल राहत ही नहीं बल्कि आफत भी लेकर आया है। जहां एक ओर बारिश से तापमान में गिरावट और जलस्तर की बढ़ोतरी ने सकारात्मक पहलू दिखाए हैं, वहीं दूसरी ओर भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस समय लोगों को सबसे ज्यादा सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है।


FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्रश्न 1: क्या राजस्थान में 4 सितंबर के बाद बारिश रुक जाएगी?
उत्तर: मौसम विभाग के अनुसार, 4 सितंबर तक भारी बारिश जारी रहेगी। इसके बाद स्थिति में सुधार की संभावना है।

प्रश्न 2: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर कितना खतरनाक है?
उत्तर: फिलहाल यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब है और यदि बारिश जारी रही तो बाढ़ का खतरा और बढ़ सकता है।

प्रश्न 3: उत्तर प्रदेश के किन जिलों में हालात सबसे खराब हैं?
उत्तर: प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बलिया और बहराइच जैसे जिलों में स्थिति गंभीर बनी हुई है।

प्रश्न 4: हिमाचल प्रदेश में स्कूल-कॉलेज कब तक बंद रहेंगे?
उत्तर: प्रशासनिक निर्णय के अनुसार, भारी बारिश और भूस्खलन की स्थिति में ही स्कूल-कॉलेज खोले जाएंगे।

प्रश्न 5: बिहार में मानसून कब तक सक्रिय रहेगा?
उत्तर: मौसम विभाग के अनुसार, 1 सितंबर से बिहार में मानसून एक बार फिर सक्रिय होकर कई दिनों तक बारिश करेगा।

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