देहरादून-उत्तरकाशी मौसम अपडेट 31 अगस्त 2025: उत्तराखंड में आज का मौसम बना आफत, भारी बारिश से 155 गांवों में बिजली ठप और सड़कें बंद
उत्तराखंड का मौसम इन दिनों बेहद चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। 31 अगस्त 2025 को भी पूरे प्रदेश में बादलों का डेरा है और कई जिलों में भारी बारिश का दौर जारी है। पहाड़ों से लेकर मैदानों तक लोग मानसून की तेज बारिश से जूझ रहे हैं। मौसम विभाग ने देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और बागेश्वर जैसे जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं, कई जगह बिजली आपूर्ति ठप हो गई है, पुल बह गए हैं और सैकड़ों सड़कें मलबे के कारण बंद हो गई हैं। इससे जनजीवन पर गहरा असर पड़ा है। सितंबर के पहले सप्ताह तक उत्तराखंड में मानसून सामान्य से अधिक सक्रिय रहेगा, जबकि दूसरे सप्ताह से बारिश का दौर कुछ कम हो सकता है। फिलहाल अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है क्योंकि बारिश और आपदा का खतरा बना रहेगा।
उत्तराखंड में मानसून का असर
प्रदेश में बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। पहाड़ों में झमाझम बारिश हो रही है, तो मैदानों में भी लोग पानी भराव और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं से परेशान हैं। बादलों की भारी मौजूदगी से वातावरण उमस और ठंडक का मिश्रण महसूस करा रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि मानसून की रफ्तार अभी धीमी नहीं पड़ने वाली है और अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना बनी रहेगी।
देहरादून समेत पांच जिलों में रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और बागेश्वर जिलों के लिए भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने और भूस्खलन की आशंका जताई गई है। पर्वतीय जिलों में जगह-जगह भूस्खलन होने से सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे लोगों की आवाजाही मुश्किल हो गई है।
येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी
प्रदेश के कुछ अन्य हिस्सों में येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। विशेषकर उधम सिंह नगर और शेष पर्वतीय जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। फिलहाल मौसम विभाग का अनुमान है कि मंगलवार तक यही हालात बने रहेंगे।
बिजली आपूर्ति और बाढ़ की समस्या
लगातार हो रही बारिश के चलते आपदा की स्थिति गंभीर हो चुकी है। राज्य के 155 गांवों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। मलबा आने से 166 सड़कें बंद हैं और सात पुल बह गए हैं। चमोली जिले के कई बाजार पानी और मलबे की चपेट में आ गए हैं, जिससे जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है।
मलारी हाईवे और सीमावर्ती इलाके प्रभावित
चमोली जिले में मलारी हाईवे 56 घंटे तक बंद रहा और काफी मशक्कत के बाद इसे खोल पाया गया। वहीं, कुमाऊं क्षेत्र की दारमा और व्यास घाटियां भी मुख्य मार्ग से कट चुकी हैं। चीन सीमा को जोड़ने वाली तवाघाट-लिपुलेख और सोबला सड़क पहाड़ी दरकने के कारण बंद हो गई हैं। इन परिस्थितियों ने सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
बाजार और संपत्ति को नुकसान
तेज बारिश और जलभराव के चलते कई स्थानों पर बाजार की दुकानों और मकानों को भारी नुकसान हुआ है। चमोली जिले में नंदा नगर का बाजार मलबे की चपेट में आ गया। शनिवार को यहां चार मकान और चार गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं, जबकि 25 दुकानें अब भी खतरे की जद में हैं।
सितंबर का मौसम अनुमान
मौसम विभाग के अनुसार, सितंबर के पहले सप्ताह तक मानसून सामान्य से अधिक सक्रिय रहेगा। यानी लोगों को बारिश और संभावित आपदा से जूझना पड़ सकता है। हालांकि, दूसरे सप्ताह से बारिश का सिलसिला धीरे-धीरे कम होगा।
स्थानीय प्रशासन की तैयारी
भारी बारिश और आपदा से निपटने के लिए प्रशासन ने राहत-बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार प्रभावित इलाकों में मौजूद हैं। प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है कि वे नदी-नालों के किनारे जाने से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
निष्कर्ष
उत्तराखंड का मौसम इन दिनों पूरी तरह से बारिश के कब्जे में है। पहाड़ों में भूस्खलन और मैदानों में जलभराव ने आम जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। रेड और ऑरेंज अलर्ट को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। आने वाले कुछ दिन राज्य के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं, इसलिए प्रशासन और नागरिकों को मिलकर इस स्थिति का सामना करना होगा।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्रश्न 1: 31 अगस्त 2025 को उत्तराखंड किन जिलों में रेड अलर्ट है?
उत्तर: देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और बागेश्वर में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
प्रश्न 2: कितने गांवों में बिजली आपूर्ति ठप है?
उत्तर: भारी बारिश और आपदा के कारण 155 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित है।
प्रश्न 3: मलारी हाईवे कितने समय बाद खुला?
उत्तर: मलारी हाईवे 56 घंटे तक बंद रहने के बाद खोला गया है।
प्रश्न 4: सितंबर में बारिश की स्थिति कैसी रहेगी?
उत्तर: सितंबर के पहले सप्ताह में बारिश सामान्य से अधिक होगी, जबकि दूसरे सप्ताह से इसमें कमी आएगी।
प्रश्न 5: किन इलाकों में येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी है?
उत्तर: उधम सिंह नगर और कुछ पर्वतीय जिलों में येलो तथा ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।