पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में 1 सितंबर आज का मौसम और 2 सितंबर कल का मौसम बनेगा आफत, 3 सितंबर तक भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन का बढ़ा खतरा
भारत का उत्तरी क्षेत्र इस समय प्राकृतिक आपदा जैसी स्थितियों से गुजर रहा है। मौसम विभाग (IMD) ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में दो बड़े मौसमीय सिस्टम के टकराने से भीषण बारिश का खतरा मंडरा रहा है। पहाड़ी राज्यों जैसे जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश से हालात बेहद गंभीर हो सकते हैं। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उत्तर भारत के पंजाब जैसे राज्यों में हजारों गांव जलमग्न हो चुके हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मॉनसून ट्रफ और पश्चिमी विक्षोभ के टकराव से अगले कुछ दिनों में बारिश का दौर और तेज हो जाएगा। इसका सीधा असर पहाड़ी इलाकों में बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं के रूप में देखने को मिल सकता है। यह स्थिति आने वाले समय में लोगों के जीवन और आजीविका दोनों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।
दो सिस्टम के टकराव से बढ़ेगा खतरा
मौसम विभाग के अनुसार, मॉनसून ट्रफ वर्तमान में अपनी सामान्य स्थिति में सक्रिय है, जबकि पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और पंजाब क्षेत्र में चक्रवाती परिसंचरण के रूप में बना हुआ है। जब ये दोनों सिस्टम आपस में टकराते हैं, तो मौसम की परिस्थितियां असामान्य रूप से बिगड़ जाती हैं। इससे नमी की मात्रा तेजी से बढ़ जाती है, जो पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश का कारण बनती है। यही वजह है कि उत्तर भारत के कई राज्यों में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं।
उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश पर मंडराया संकट
मौसम विभाग ने साफ किया है कि अगले तीन से चार दिन इन पहाड़ी राज्यों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहेंगे। उत्तराखंड के कई हिस्सों में 1 सितंबर से भारी बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं 2 सितंबर को जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश हो सकती है। इससे वहां के पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाएं बढ़ने का खतरा है।
नदियों का उफान और तबाही का मंजर
बारिश का असर नदियों में भी साफ दिख रहा है। पंजाब में करीब 9 हजार से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। नदियां अपने उफान पर हैं और खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। इस वजह से लोगों का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस स्थिति से निपटना आने वाले दिनों में बेहद कठिन हो सकता है।
मृत्युंजय मोहापात्रा का बड़ा बयान
मौसम विभाग के डायरेक्टर मृत्युंजय मोहापात्रा ने कहा कि अगस्त महीने में हुई मूसलाधार बारिश भी इन्हीं सिस्टम के टकराव की वजह से हुई थी। उत्तराखंड के धराली, जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ और हिमाचल के मंडी में हाल ही में हुई आपदाओं का कारण भी यही था। उन्होंने चेतावनी दी कि सितंबर में भी भारी बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।
देहरादून और आसपास के जिलों में रेड अलर्ट
देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले 48 घंटों को बेहद संवेदनशील बताया है। यहां भारी बारिश का अनुमान लगाते हुए रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके अलावा टेहरी, पौड़ी, हरिद्वार, चंपावत, नैनीताल, बागेश्वर और उधम सिंह नगर में भी प्रशासन ने रेड अलर्ट घोषित किया है। इससे साफ है कि पूरे राज्य में हालात गंभीर बने हुए हैं और लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
अगस्त में रिकॉर्डतोड़ बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत में अगस्त 2001 के बाद सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। लगातार बारिश ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया है बल्कि खेती, सड़क यातायात और बिजली आपूर्ति जैसी सुविधाओं को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। अनुमान है कि सितंबर महीने में भी बारिश का यही सिलसिला जारी रह सकता है, जिससे आपदा प्रबंधन एजेंसियों के लिए स्थिति और कठिन हो जाएगी।
नमी का बढ़ना और मानसून की गति
राजस्थान और मध्य प्रदेश के ऊपर बने सर्कुलेशन के कारण अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी का दबाव तेजी से हिमालयी क्षेत्रों की ओर बढ़ रहा है। यह नमी जब पहाड़ी इलाकों से टकराती है, तो वहां भारी बारिश का रूप ले लेती है। यही वजह है कि वर्तमान में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी है।
निष्कर्ष
उत्तर भारत में दो मौसमीय सिस्टम के टकराने से हालात लगातार खराब हो रहे हैं। पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है। मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी से साफ है कि आने वाले दिन बेहद चुनौतीपूर्ण रहने वाले हैं। ऐसे में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने, प्रशासन के निर्देशों का पालन करने और सतर्क रहने की सख्त जरूरत है। प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए सामूहिक प्रयास ही सबसे बड़ा सहारा बन सकता है।
FAQs
प्रश्न 1: किन राज्यों में सबसे ज्यादा खतरा है?
उत्तर: उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा खतरा है।
प्रश्न 2: मौसम विभाग ने कब तक का अलर्ट जारी किया है?
उत्तर: 1 से 3 सितंबर तक के लिए अलर्ट जारी किया गया है।
प्रश्न 3: रेड अलर्ट किन जिलों में जारी हुआ है?
उत्तर: देहरादून, टेहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर और उधम सिंह नगर में रेड अलर्ट घोषित किया गया है।
प्रश्न 4: बारिश से सबसे ज्यादा असर किस पर पड़ा है?
उत्तर: नदियों में बाढ़ आने से गांवों में तबाही मची हुई है और हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।
प्रश्न 5: आगे मौसम कैसा रहेगा?
उत्तर: मौसम विभाग के अनुसार सितंबर में भी बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।