Breaking Weather News: अरब सागर से उठे तूफान ने मचाई तबाही, बिहार-बंगाल में रेड अलर्ट जारी, दिल्ली-NCR का प्रदूषण पहुंचा चरम पर
भारत का मौसम एक बार फिर से खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। अरब सागर से उठे गहरे दबाव (Deep Depression) और साइक्लोन ‘मोंथा’ (Cyclone Montha) ने देश के पश्चिमी और पूर्वी तटीय इलाकों में कहर बरपा दिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, बिहार, झारखंड, बंगाल और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं दूसरी ओर, राजधानी दिल्ली और एनसीआर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुंच चुका है, जिससे पूरा क्षेत्र गैस चैंबर में तब्दील हो गया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अरब सागर में बना यह सिस्टम अगले 36 घंटे में और भी ताकतवर हो सकता है, जिससे पश्चिमी तट पर मूसलाधार बारिश और तूफानी हवाओं का खतरा बढ़ जाएगा। वहीं, पूर्वी भारत में इसका असर अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा।
अरब सागर में नया डिप्रेशन – पश्चिमी तट पर खतरे की घंटी
अरब सागर में एक नया डिप्रेशन (Depression) बन चुका है जो धीरे-धीरे उत्तर की दिशा में बढ़ रहा है। मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक यह डिप्रेशन मुंबई से करीब 500 किलोमीटर और गोवा से 670 किलोमीटर दूर है। इसकी रफ्तार करीब 3 किलोमीटर प्रति घंटे बताई जा रही है। आने वाले 36 घंटों में यह सिस्टम भारतीय तट से टकरा सकता है, जिससे महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा में भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है।
राज्यों में जारी अलर्ट की स्थिति
भारत मौसम विभाग ने विभिन्न राज्यों में अलग-अलग स्तर के अलर्ट जारी किए हैं:
| राज्य | अलर्ट का प्रकार | संभावित खतरा | 
|---|---|---|
| बिहार | ऑरेंज अलर्ट | भारी बारिश और जलभराव | 
| पश्चिम बंगाल | रेड अलर्ट | अत्यधिक वर्षा और बाढ़ की आशंका | 
| झारखंड | येलो अलर्ट | मध्यम से भारी बारिश | 
| गुजरात | येलो अलर्ट | तेज हवाएं और समुद्र में उथल-पुथल | 
| महाराष्ट्र | ऑरेंज अलर्ट | मूसलाधार बारिश और बिजली गिरने की संभावना | 
| गोवा | येलो अलर्ट | समुद्री लहरों में वृद्धि और वर्षा | 
| ओडिशा | येलो अलर्ट | लगातार वर्षा और बिजली चमकने की संभावना | 
साइक्लोन ‘मोंथा’ का असर पूर्वी भारत पर बरकरार
हालांकि साइक्लोन ‘मोंथा’ का लैंडफॉल हो चुका है, लेकिन इसका असर अभी भी बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के हिस्सों में देखने को मिल रहा है। IMD ने बताया कि दार्जिलिंग, सिक्किम, असम के पश्चिमी भाग और उत्तरी बंगाल में मूसलाधार बारिश की संभावना है। यह बारिश पर्वतीय इलाकों में भूस्खलन और निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा कर सकती है।
दिल्ली-NCR में वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर
दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। AQI 400 के पार पहुंच गया है, जो “गंभीर श्रेणी” (Severe Category) में आता है। इस स्थिति में सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, और गले में खराश जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।
IMD और CPCB (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के मुताबिक,
- हवा में नमी की मात्रा 80% से अधिक है,
- जिससे प्रदूषक तत्व नीचे की परत में फंस रहे हैं।
- ठंडी हवाओं और कम वायु प्रवाह के कारण धुंध (Smog) की परत और घनी हो रही है।
महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा में भारी बारिश का अनुमान
मौसम विभाग ने कहा है कि अरब सागर से उठे इस सिस्टम के कारण महाराष्ट्र में अगले दो दिन और गुजरात में अगले चार दिन तक भारी बारिश जारी रह सकती है। मुंबई, ठाणे, रत्नागिरी, नासिक, सूरत, वलसाड, राजकोट जैसे जिलों में भारी वर्षा के साथ बिजली गिरने की संभावना है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है, क्योंकि समुद्री लहरों की ऊंचाई बढ़ रही है।
पूर्वी भारत में लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित
बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में कई जिलों में बारिश का सिलसिला जारी है।
इनमें प्रमुख जिले हैं — पटना, गया, दरभंगा, रोहतास, बक्सर, गाजीपुर, बलिया, मिर्जापुर, सोनभद्र, वाराणसी और गोरखपुर।
बारिश के कारण:
- कई जगहों पर जलभराव,
- बिजली गिरने की घटनाएं,
- फसलों को नुकसान
 देखने को मिला है।
3 नवंबर से इन क्षेत्रों में मौसम के सुधरने की संभावना जताई गई है।
बंगाल और सिक्किम में रेड अलर्ट – खतरा अब भी कायम
पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में स्थिति अभी भी चिंताजनक है। दार्जिलिंग, सिक्किम, असम और उत्तर बंगाल के जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। यहां भूस्खलन, सड़क अवरोध और बिजली आपूर्ति बाधित होने की संभावना जताई गई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पहाड़ी क्षेत्रों में यह बारिश अगले 48 घंटे तक बनी रह सकती है।
कब तक जारी रहेगा यह मौसम चक्रवातीय प्रभाव?
IMD के अनुसार,
- अरब सागर का डिप्रेशन 4 नवंबर तक सक्रिय रहेगा।
- उसके बाद इसका प्रभाव धीरे-धीरे कमजोर पड़ेगा।
- वहीं, पूर्वी भारत में 3 नवंबर से बारिश कम होनी शुरू हो जाएगी।
AQI स्तर का चार्ट (Delhi-NCR)
| शहर | AQI स्तर | स्थिति | 
|---|---|---|
| दिल्ली | 421 | गंभीर (Severe) | 
| नोएडा | 408 | गंभीर | 
| गाजियाबाद | 397 | बहुत खराब | 
| गुरुग्राम | 389 | बहुत खराब | 
| फरीदाबाद | 402 | गंभीर | 
विशेषज्ञों की राय
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए:
- निर्माण कार्यों पर रोक,
- सड़कों पर जल छिड़काव,
- वाहनों की सीमित आवाजाही,
- और औद्योगिक उत्सर्जन पर सख्ती
 आवश्यक है।
वहीं मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अरब सागर में बने इस चक्रवात का असर अगले कुछ दिनों तक देश के कई हिस्सों पर रहेगा, इसलिए लोगों को सतर्क रहना चाहिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
देश के कई हिस्सों में मौसम का यह बदलाव चिंता का विषय बन गया है। एक ओर अरब सागर से उठे चक्रवात ने पश्चिमी राज्यों में बारिश का खतरा बढ़ा दिया है, तो दूसरी ओर पूर्वी भारत में मोंथा साइक्लोन का असर अब भी बना हुआ है। दिल्ली-NCR की जहरीली हवा ने स्वास्थ्य संकट खड़ा कर दिया है। IMD के अनुसार अगले कुछ दिनों में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो सकती है, लेकिन फिलहाल लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. अरब सागर में बना डिप्रेशन कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है?
यह डिप्रेशन लगभग 3 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की ओर बढ़ रहा है। अगले 36 घंटों में यह भारतीय तट से टकरा सकता है, जिससे भारी बारिश की संभावना बढ़ जाती है।
Q2. किन राज्यों में सबसे ज्यादा बारिश होने की संभावना है?
महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, बिहार, झारखंड, बंगाल और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में सबसे अधिक बारिश की चेतावनी दी गई है।
Q3. दिल्ली-NCR का AQI इतना खराब क्यों हुआ?
हवा में नमी की अधिकता, ठंडक और वायु प्रवाह की कमी के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में फंस गए हैं, जिससे AQI 400 के पार चला गया है।
Q4. क्या पूर्वोत्तर राज्यों पर भी इस सिस्टम का असर पड़ेगा?
हाँ, विशेष रूप से दार्जिलिंग, सिक्किम और असम में भारी बारिश और भूस्खलन की स्थिति बन सकती है। रेड अलर्ट जारी किया गया है।
Q5. यह चक्रवात कब तक सक्रिय रहेगा?
IMD के अनुसार, अरब सागर का यह चक्रवात 4 नवंबर तक सक्रिय रहेगा और उसके बाद धीरे-धीरे कमजोर होगा।
 
 
					

 
 



