Jharkhand Weather Today: झारखंड में कड़ाके की ठंड का प्रकोप, शीतलहर से हाल बेहाल
झारखंड में सर्दी इस बार रिकॉर्ड तोड़ ठंड लेकर आई है, जिससे लोगों का जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। नवंबर का महीना होते हुए भी तापमान जनवरी जैसी ठिठुरन का एहसास करा रहा है। गुमला में न्यूनतम तापमान 7°C पहुँच चुका है, जबकि कई अन्य जिलों में पारा अचानक गिर गया है। मौसम विभाग ने राज्य के 7 प्रमुख जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया है, जिससे साफ संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। दोपहर के समय भी लोग धूप में गर्माहट ढूंढ रहे हैं, लेकिन हवाओं की तीखी ठंड कंपकंपी बढ़ा रही है। रांची, जमशेदपुर, धनबाद और बोकारो जैसे बड़े शहरों में AQI भी तेजी से गिर चुका है, जिससे वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में पहुँच गई है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अगले 4 दिनों में तापमान में और 2-3 डिग्री की गिरावट संभव है।
झारखंड मौसम अपडेट: राज्य में ठंड का तांडव जारी
गुमला में पारा 7°C, लोगों का हाल बेहाल
झारखंड में इस बार नवंबर में ही ठंड का रिकॉर्ड टूट रहा है। गुमला में न्यूनतम तापमान 7°C दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे कम तापमान माना जा रहा है। लोगों ने नवंबर में इतनी कड़ाके की ठंड की उम्मीद नहीं की थी, लेकिन अचानक आई ठिठुरन ने दिनचर्या प्रभावित कर दी है। हालात इतने खराब हैं कि लोग घरों की छतों और आंगन में अलाव जलाने को मजबूर हो गए हैं।

7 जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट
मौसम विभाग ने झारखंड के 7 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में सुबह और शाम की ठंडी हवा बेहद तीव्र रहने वाली है।
शीतलहर प्रभावित जिले
- पलामू
- गढ़वा
- चतरा
- लातेहार
- लोहरदगा
- सिमडेगा
- गुमला
इन जिलों में तापमान सामान्य से 5–7 डिग्री कम रह सकता है, जिससे बुजुर्गों और बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
बड़े शहरों का तापमान और AQI रिपोर्ट
नीचे दी गई तालिका में प्रमुख शहरों का अधिकतम/न्यूनतम तापमान और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) दर्शाया गया है:
झारखंड मौसम रिपोर्ट (गुरुवार)
| शहर | तापमान (अधिकतम/न्यूनतम) | AQI |
|---|---|---|
| रांची | 25°C / 10°C | 192 |
| जमशेदपुर | 28°C / 12°C | 154 |
| धनबाद | 28°C / 11°C | 177 |
| बोकारो | 26°C / 10°C | 160 |
AQI 150 से 200 के बीच होने का मतलब है कि हवा की गुणवत्ता मध्यम से खराब स्तर में बनी हुई है।
बर्फीली हवा से बढ़ी परेशानी
झारखंड में उत्तरी हिमालय की ओर से आने वाली ठंडी हवाओं ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। दोपहर में भी हवा इतनी ठंडी है कि धूप में बैठने पर भी आराम नहीं मिल पा रहा। खासकर टू-व्हीलर चलाने वालों को तेज ठंडी हवा के कारण काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
चार दिनों बाद और गिरेगा पारा
रांची मौसम केंद्र के अनुसार, अभी हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी हल्की है। लेकिन 3-4 दिनों बाद बर्फबारी तेज होने की संभावना है, जिससे झारखंड में तापमान और गिर जाएगा।
संभावित बदलाव
- न्यूनतम तापमान में 2–3°C की गिरावट
- वर्तमान न्यूनतम तापमान: 10°C
- आने वाले दिनों में संभावित तापमान: 6°C–7°C
इससे अगले हफ्ते राज्य में और भी कड़ाके की ठंड पड़ सकती है।
MCQ क्विज (उत्तरों सहित)
1. झारखंड के किस शहर में न्यूनतम तापमान 7°C दर्ज किया गया?
A. रांची
B. गुमला
C. जमशेदपुर
D. सिमडेगा
उत्तर: B. गुमला
2. किन जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट है?
A. रांची
B. देवघर
C. पश्चिमी झारखंड के 7 जिले
D. साहिबगंज
उत्तर: C. पश्चिमी झारखंड के 7 जिले
3. रांची का न्यूनतम तापमान कितना दर्ज हुआ?
A. 12°C
B. 15°C
C. 10°C
D. 7°C
उत्तर: C. 10°C
4. AQI 150 से 200 के बीच होने का मतलब क्या है?
A. हवा बेहद साफ
B. हवा अत्यधिक प्रदूषित
C. हवा मध्यम से खराब
D. हवा सामान्य
उत्तर: C. हवा मध्यम से खराब
5. अगले 4 दिनों में तापमान कितना गिर सकता है?
A. 1°C
B. 2–3°C
C. 5°C
D. 10°C
उत्तर: B. 2–3°C
FAQs (लोगों ने यह भी पूछा)
1. झारखंड में इतनी ठंड क्यों बढ़ रही है?
झारखंड में ठंड बढ़ने का मुख्य कारण हिमालय क्षेत्र से आने वाली उत्तरी ठंडी हवाएं हैं। जैसे-जैसे उत्तर भारत में बर्फबारी बढ़ती है, वैसे-वैसे झारखंड सहित पूर्वी भारत में शीतलहर का असर तेज हो जाता है। हवा की दिशा बदलने और तापमान के तेजी से गिरने की वजह से नवंबर में ही जनवरी जैसी ठंड महसूस हो रही है। आने वाले दिनों में बर्फबारी बढ़ने से ठंड और अधिक तीव्र होने की संभावना है।
2. शीतलहर से बचाव के क्या उपाय हैं?
शीतलहर के समय शरीर को ठंड से बचाना सबसे महत्वपूर्ण होता है। मोटे कपड़े पहनें, सुबह और रात में बाहर निकलने से बचें। गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें और बुजुर्गों तथा बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अलाव का प्रयोग सुरक्षित तरीके से किया जाना चाहिए। घरों के अंदर हवा के रिसाव को रोकना भी जरूरी है।
3. AQI बढ़ने का क्या प्रभाव पड़ता है?
AQI बढ़ने पर हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है, जिससे सांस संबंधी समस्याएं, एलर्जी और अस्थमा के रोगियों की परेशानी बढ़ सकती है। 150 से 200 के बीच का AQI सामान्य लोगों के लिए भी हानिकारक माना जाता है। ऐसे समय में मास्क पहनना, घर में पौधे लगाना और प्रदूषण के स्रोतों से दूर रहना जरूरी होता है।
4. क्या दिसंबर और जनवरी में ठंड और बढ़ेगी?
हाँ, मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार दिसंबर और जनवरी झारखंड में सबसे ठंडे महीने होते हैं। अभी नवंबर में ही तापमान तेजी से नीचे गिरा है, इसलिए आने वाले महीनों में ठंड और अधिक बढ़ सकती है। हिमालय क्षेत्र में भारी बर्फबारी होने पर पारा और गिर सकता है।
5. शीतलहर किन लोगों के लिए अधिक खतरनाक होती है?
शीतलहर बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और हृदय तथा श्वास संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए अधिक खतरनाक मानी जाती है। शरीर का तापमान तेजी से गिरने पर हाइपोथर्मिया का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
निष्कर्ष
झारखंड में इस समय मौसम बेहद ठंडा है और शीतलहर की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। गुमला, पलामू, गढ़वा जैसे जिलों में हालात और भी खराब हैं। अगले चार दिनों में तापमान में गिरावट की संभावना के कारण लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। AQI के खराब होने से स्वास्थ्य पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है, इसलिए सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है।




