WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

मौसम विभाग की बड़ी चेतावनी! बंगाल की खाड़ी में उठ रहा तूफान ला सकता है तबाही — जानें किन राज्यों में 27 से 30 अक्टूबर तक मूसलाधार बारिश और बर्फबारी होगी

27 अक्टूबर से मचेगा तबाही का मंजर! बंगाल की खाड़ी में बन रहा खतरनाक चक्रवाती तूफान, ओडिशा-बंगाल में भारी बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी

भारत में अक्टूबर का महीना मौसम के लिहाज से बेहद अहम माना जाता है। इस समय न केवल मानसून की वापसी होती है बल्कि चक्रवाती तूफानों का खतरा भी बढ़ जाता है। वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) विकसित हो रहा है, जो जल्द ही चक्रवाती तूफान (Cyclonic Storm) में बदल सकता है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 27 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2025 के बीच ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल समेत कई राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश (Heavy Rainfall Alert) की संभावना है। वहीं, उत्तरी भारत के पर्वतीय राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी के कारण ठंडक बढ़ गई है। मौसम के इस अचानक बदलाव से देशभर में तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है।


बंगाल की खाड़ी में बन रहा नया चक्रवाती तूफान

बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र ने धीरे-धीरे कम दबाव और अधिक दबाव प्रणाली (Low to Deep Depression) का रूप ले लिया है। भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती के अनुसार, यह सिस्टम पिछले कुछ घंटों में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ा है और 25 से 27 अक्टूबर तक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की पूरी संभावना है।

उन्होंने बताया कि अभी यह कहना मुश्किल है कि तूफान का लैंडफॉल (Landfall) कहां होगा, लेकिन ओडिशा के तटीय जिलों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ने की आशंका है। मौसम विभाग ने पहले से ही राज्य में येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी कर दिया है।


ओडिशा में 27 से 29 अक्टूबर तक भारी बारिश का अलर्ट

ओडिशा सरकार ने चक्रवाती तूफान की चेतावनी के बाद अपनी तैयारी तेज कर दी है। राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि “सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। अक्टूबर महीने में चक्रवातों का खतरा सामान्य होता है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।”

मौसम विभाग के अनुसार:

  • 27 अक्टूबर: 12 जिलों में भारी बारिश की संभावना।
  • 28 अक्टूबर: 21 जिलों में येलो अलर्ट।
  • 29 अक्टूबर: पूरे राज्य में बारिश और तेज हवाओं का असर रहेगा।

सबसे ज्यादा खतरा पुरी, गंजाम, भद्रक, बालासोर, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जिलों को है, जहां तेज हवाएं (Wind Speed 80-100 km/h) और समुद्र में ऊंची लहरें उठ सकती हैं।


पश्चिम बंगाल और कोलकाता में भी बारिश की चेतावनी

बंगाल के कई जिलों में भी तूफान का असर दिखने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार:

  • उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, झारग्राम और हावड़ा जिलों में 28 से 30 अक्टूबर तक भारी बारिश की संभावना है।
  • कोलकाता और हावड़ा में 28 अक्टूबर को गरज के साथ बिजली गिरने (Thunderstorm with Lightning) की चेतावनी दी गई है।
  • उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, कूचबिहार, दक्षिण दिनाजपुर और मालदा जिलों में भी 29-30 अक्टूबर को भारी बारिश हो सकती है।

दक्षिण भारत में भी मौसम का मिजाज बदला

तमिलनाडु और पुडुचेरी में बारिश का दौर जारी

चेन्नई और आसपास के इलाकों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कहा है कि 28 अक्टूबर तक तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्रों में गरज और बिजली के साथ बारिश (Thunderstorms with Rain) जारी रहेगी।

कुड्डालोर, पुडुचेरी, विल्लुपुरम और चेंगलपट्टू जिलों में भारी बारिश का अनुमान है, जिससे स्थानीय जलभराव (Urban Flooding) की स्थिति बन सकती है।


केरल में भारी तबाही और बाढ़ जैसी स्थिति

केरल में पिछले 24 घंटों से हो रही तेज बारिश और हवाओं (Heavy Rain & Wind) ने तबाही मचा दी है।

  • पालक्कड़, त्रिशूर और कोल्लम जिलों में पेड़ उखड़ गए और बिजली की तारें टूट गईं।
  • पीची डेम और वालायार डेम के शटर खोलने पड़े क्योंकि जलस्तर अधिकतम सीमा तक पहुंच गया।
  • मौसम विभाग ने तिरुवनंतपुरम, कन्नूर और कासरगोड़ के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

आईएमडी के अनुसार, इन जिलों में अगले 48 घंटों में 11 से 20 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है और 50 किमी/घंटा तक की हवाएं चल सकती हैं। नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।


उत्तर भारत में सर्दी ने दी दस्तक

जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी और ठंड की शुरुआत

जम्मू-श्रीनगर में मौसम का मिला-जुला रूप देखने को मिल रहा है। दिन में धूप है, लेकिन रात में ठंडक बढ़ गई है।
मौसम विभाग ने बताया कि 28 अक्टूबर को ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी (Snowfall in higher reaches) और हल्की बारिश की संभावना है। तीन नवंबर तक बादल छाए रहने की उम्मीद है।


हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय

हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के चलते मौसम एक बार फिर बदल गया है।
27 अक्टूबर को बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान जारी किया गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने बताया कि:

  • 28 से 30 अक्टूबर के बीच मौसम साफ रहेगा।
  • ताबो में तापमान -2°C, जबकि मनाली और नारकंडा में 5°C के आसपास दर्ज किया गया है।

इससे सुबह और शाम के समय ठंड बढ़ गई है।


उत्तराखंड की पहाड़ियों पर ताजा बर्फबारी

गंगोत्री, यमुनोत्री और बदरीनाथ की ऊपरी पहाड़ियों पर बर्फबारी दर्ज की गई है।
इससे उत्तरकाशी, हर्षिल और जोशीमठ क्षेत्रों में ठंड बढ़ गई है।
हालांकि, शुक्रवार को धूप निकलने से कुछ राहत मिली, लेकिन मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक यही स्थिति बने रहने की संभावना जताई है।


मौसम विशेषज्ञों की चेतावनी

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह चक्रवात सामान्य से ज्यादा तीव्र (Intense Cyclone) हो सकता है।
इसके प्रभाव से:

  • समुद्र में लहरें ऊंची उठेंगी।
  • मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
  • तटीय इलाकों में बिजली आपूर्ति और परिवहन बाधित हो सकता है।
  • निचले इलाकों में बाढ़ (Flooding) की स्थिति बन सकती है।

सरकार और आपदा प्रबंधन की तैयारियां

केंद्र और राज्य सरकारें लगातार हालात पर नजर रख रही हैं।

  • NDRF और SDRF की टीमें पहले से ही तटीय इलाकों में तैनात की जा चुकी हैं।
  • शेल्टर होम्स (Relief Camps) बनाए गए हैं।
  • लोगों को मोबाइल अलर्ट्स के जरिए सतर्क किया जा रहा है।
  • प्रशासन ने समुद्र तटों और निचले क्षेत्रों से लोगों की निकासी (Evacuation) शुरू कर दी है।

जनता के लिए जरूरी सावधानियां

मौसम विभाग ने नागरिकों को निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी है:

  • समुद्र तटों से दूर रहें।
  • बिजली के खंभों या पेड़ों के नीचे खड़े न हों।
  • मोबाइल चार्ज रखें और जरूरी दवाइयां साथ रखें।
  • प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
  • किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।

निष्कर्ष (Conclusion)

भारत में अक्टूबर माह मौसम परिवर्तन का समय होता है। बंगाल की खाड़ी में बनने वाला यह नया चक्रवाती तूफान देश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में बारिश और तेज हवाओं के साथ अपना असर दिखाने वाला है। वहीं, पर्वतीय राज्यों में बर्फबारी से ठंड और बढ़ेगी। सरकार की तैयारियां और लोगों की सतर्कता ही इस प्राकृतिक आपदा के प्रभाव को कम कर सकती हैं।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. बंगाल की खाड़ी में बनने वाला यह चक्रवात कब और कहां टकराएगा?

मौसम विभाग के अनुसार, यह चक्रवात 27 अक्टूबर तक विकसित हो जाएगा। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि यह कहां लैंडफॉल करेगा, लेकिन ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ने की संभावना है।

2. ओडिशा और पश्चिम बंगाल में किन जिलों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा?

पुरी, गंजाम, केंद्रपाड़ा, बालासोर, जगतसिंहपुर और दक्षिण 24 परगना जैसे जिलों में भारी बारिश और तेज हवाओं का खतरा रहेगा। प्रशासन ने इन जिलों में अलर्ट जारी किया है।

3. क्या यह चक्रवात पूरे भारत को प्रभावित करेगा?

नहीं, इसका सीधा असर मुख्यतः पूर्वी और दक्षिणी राज्यों पर पड़ेगा। लेकिन इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव उत्तर भारत के तापमान और बारिश के पैटर्न पर जरूर दिखाई देगा।

4. उत्तर भारत में ठंड क्यों बढ़ रही है?

जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में बर्फबारी होने से पहाड़ी हवाएं मैदानी इलाकों में पहुंच रही हैं, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है।

5. सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?

राज्य और केंद्र सरकारों ने राहत टीमें तैनात की हैं, शेल्टर होम बनाए हैं और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है। साथ ही, प्रशासन लगातार लोगों को अलर्ट भेज रहा है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now