मौसम अलर्ट: छत्तीसगढ़ में ‘मोंथा’ चक्रवात से मचा हड़कंप, कई जिलों में भारी बारिश – रायपुर में कब मिलेगी राहत?
छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज इस समय पूरी तरह बदल चुका है। तीव्र चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के अवशेष के रूप में बना सुस्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र अब दक्षिण से उत्तर की ओर सक्रिय रूप से बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार वर्षा का दौर जारी है। मौसम विभाग ने कई जिलों में मध्यम से भारी वर्षा की संभावना जताई है, जबकि कुछ क्षेत्रों में बिजली गिरने और मेघगर्जन की चेतावनी भी दी गई है।
दक्षिण छत्तीसगढ़ से उठे इस सिस्टम ने अब पूर्वी मध्य प्रदेश और विदर्भ तक अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। दुर्ग और पेंड्रारोड में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे ठंड का अहसास बढ़ गया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 31 अक्टूबर से बारिश की तीव्रता में कमी आएगी, परंतु हल्की वर्षा और ठंडी हवाओं का असर अगले कुछ दिनों तक बना रहेगा।
चक्रवात ‘मोंथा’ का असर: छत्तीसगढ़ में बदलता मौसम
छत्तीसगढ़ में इन दिनों चक्रवात ‘मोंथा’ का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। बंगाल की खाड़ी से उठा यह तूफान अब कमजोर होकर निम्न दबाव के रूप में दक्षिण छत्तीसगढ़ पर सक्रिय है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, यह सिस्टम धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ रहा है, जिसके चलते प्रदेश के कई हिस्सों में झमाझम बारिश हो रही है।
मौसम प्रणाली की स्थिति
| क्षेत्र | स्थिति | प्रभाव | 
|---|---|---|
| दक्षिण छत्तीसगढ़ | सुस्पष्ट निम्न दबाव | भारी बारिश | 
| मध्य छत्तीसगढ़ | सक्रिय | मध्यम वर्षा | 
| उत्तरी छत्तीसगढ़ | प्रभावशील | हल्की से मध्यम बारिश | 
| रायपुर व दुर्ग | बादल छाए, ठंडी हवाएं | हल्की वर्षा और ठंड में वृद्धि | 
छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में बारिश की स्थिति
पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के कई जिलों में अच्छी वर्षा दर्ज की गई है। दक्षिण और मध्य छत्तीसगढ़ के इलाकों में मानसून जैसा मौसम बना हुआ है।
बारिश का रिकॉर्ड (पिछले 24 घंटे)
| जिला | वर्षा (सेमी में) | 
|---|---|
| बड़े बचेली | 6.0 | 
| भोपालपटनम | 4.0 | 
| कुसमी | 3.0 | 
| कुटरू, नारायणपुर, गंगालूर | 2.0 | 
| दुर्गकोंदल, औंधी, सामरी, मानपुर | 1.5 | 
| जगदलपुर, ओरछा, बिहारपुर, कटघोरा | 1.0 | 
इन जिलों में लगातार बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में पानी भर गया है, जबकि शहरों में सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है।
तापमान में आई गिरावट – दुर्ग सबसे ठंडा
बारिश के चलते तापमान में उल्लेखनीय गिरावट आई है। दुर्ग और पेंड्रारोड प्रदेश के सबसे ठंडे इलाके रहे।
- दुर्ग का न्यूनतम तापमान: 19.8°C
- पेंड्रारोड का न्यूनतम तापमान: 19.8°C
- रायपुर का अधिकतम तापमान: 29°C
- रायगढ़ का अधिकतम तापमान: 30°C
इस बदलाव के चलते लोगों को सुबह और रात में हल्की ठंड महसूस हो रही है।
मौसम विभाग की चेतावनी: मेघगर्जन और बिजली गिरने की संभावना
भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि कुछ स्थानों पर मेघगर्जन और बिजली गिरने की संभावना बनी हुई है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे खुले स्थानों से दूर रहें और पेड़ों के नीचे खड़े न हों। किसानों को भी सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं, विशेषकर जो कटाई कार्य में लगे हुए हैं।
31 अक्टूबर से बारिश में कमी, लेकिन ठंड में बढ़ोतरी
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 31 अक्टूबर से वर्षा की तीव्रता में कमी आएगी, हालांकि कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा का सिलसिला जारी रह सकता है।
- 1 नवंबर से: मौसम शुष्क होने लगेगा।
- 2-3 नवंबर से: न्यूनतम तापमान और गिरेगा।
 इससे प्रदेश में ठंड का मौसम आधिकारिक रूप से शुरू होने की संभावना है।
रायपुर का मौसम पूर्वानुमान
राजधानी रायपुर में 31 अक्टूबर को आसमान में बादल छाए रहेंगे।
- अधिकतम तापमान: 29°C
- न्यूनतम तापमान: 23°C
- संभावित वर्षा: हल्की (1-2 मिमी)
- हवा की दिशा: दक्षिण-पश्चिम से 10-15 किमी/घंटा
‘मोंथा’ चक्रवात का वैज्ञानिक विश्लेषण
‘मोंथा’ एक तीव्र चक्रवात था जो बंगाल की खाड़ी से उठा और आंध्र तट से होते हुए दक्षिण छत्तीसगढ़ में पहुंचा। इसकी गति लगभग 70–80 किमी/घंटा रही। जब यह स्थलीय क्षेत्र में प्रवेश करता है, तो उसकी ऊर्जा कम होने लगती है और वह निम्न दबाव क्षेत्र में बदल जाता है। यही कारण है कि अब यह तूफान ‘सुस्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र’ के रूप में सक्रिय है।
कृषि पर प्रभाव
इस बारिश का मिश्रित असर देखा जा रहा है।
- जिन इलाकों में फसल की कटाई हो चुकी है, वहां यह बारिश नुकसानदायक साबित हो रही है।
- वहीं, रबी फसलों (गेहूं, चना, मसूर) के लिए यह नमी फायदेमंद होगी।
- जलाशयों में जलस्तर बढ़ने से सिंचाई की स्थिति सुधरेगी।
जनजीवन पर असर
लगातार हो रही बारिश से सड़क यातायात प्रभावित हुआ है। कई जगह जलभराव की स्थिति बनी हुई है।
- दुर्ग, राजनांदगांव और जगदलपुर में स्कूली बच्चों को छुट्टियां दी गई हैं।
- रायपुर में सुबह और शाम के समय यातायात धीमा पड़ा।
- बिजली आपूर्ति कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में बाधित हुई।
अगले पांच दिनों का मौसम पूर्वानुमान (IMD अनुमान)
| तारीख | मौसम स्थिति | तापमान (°C) | संभावित वर्षा | 
|---|---|---|---|
| 31 अक्टूबर | बादल छाए रहेंगे | 20–29 | हल्की वर्षा | 
| 1 नवंबर | साफ आसमान | 19–30 | बहुत हल्की | 
| 2 नवंबर | ठंडी सुबह | 17–28 | नहीं | 
| 3 नवंबर | शुष्क और ठंडा | 16–27 | नहीं | 
| 4 नवंबर | सर्दी में वृद्धि | 15–26 | नहीं | 
मौसम विभाग की अपील
IMD ने लोगों से आग्रह किया है कि वे मौसम की ताज़ा जानकारी के लिए नियमित रूप से स्थानीय समाचार और आधिकारिक वेबसाइट चेक करते रहें।
- बिजली गिरने के समय मोबाइल का उपयोग न करें।
- खुले खेतों और जलस्रोतों से दूर रहें।
- आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें।
निष्कर्ष (Conclusion)
छत्तीसगढ़ में इस समय चक्रवात ‘मोंथा’ के अवशेष का गहरा प्रभाव देखने को मिल रहा है। हालांकि अब यह सिस्टम कमजोर पड़ रहा है, लेकिन इसके चलते प्रदेश के कई हिस्सों में अच्छी बारिश हुई है। तापमान में आई गिरावट से सर्दी का आगमन जल्द होने वाला है। 31 अक्टूबर के बाद मौसम साफ होने की उम्मीद है, जिससे किसानों और आम जनता को राहत मिलेगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. क्या छत्तीसगढ़ में ‘मोंथा’ चक्रवात से खतरा है?
नहीं, चक्रवात अब कमजोर होकर निम्न दबाव क्षेत्र में बदल गया है। हालांकि, इससे भारी बारिश और बिजली गिरने जैसी घटनाओं की संभावना बनी हुई है।
Q2. किस जिले में सबसे अधिक बारिश हुई?
बड़े बचेली में सर्वाधिक 6 सेमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि भोपालपटनम और कुसमी में भी उल्लेखनीय बारिश हुई।
Q3. क्या आने वाले दिनों में ठंड बढ़ेगी?
हाँ, मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि नवंबर के पहले सप्ताह से न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी, जिससे ठंड का असर बढ़ेगा।
Q4. किसानों को इस बारिश से क्या लाभ होगा?
कटाई के बाद खेतों में नमी बढ़ने से रबी फसलों की बोआई के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित होगी।
Q5. रायपुर का मौसम अगले हफ्ते कैसा रहेगा?
रायपुर में अगले कुछ दिनों तक हल्की ठंड और साफ आसमान रहेगा। बारिश की संभावना बहुत कम है, लेकिन तापमान धीरे-धीरे घटेगा।
 
 
					

 
 



