2025 में शीतलहर का कहर: उत्तर प्रदेश से राजस्थान तक शीतलहर की बड़ी खबरें, IMD की चेतावनी और बचाव के जरूरी उपाय
2025 के आगमन के साथ ही उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड दस्तक देने को तैयार है। आने वाले दिनों में तापमान में भारी गिरावट के संकेत मिल रहे हैं। वर्तमान में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में सुबह और रात घने कोहरे से ढकी हुई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिनों में शीतलहर और कोहरे की संभावना जताई है, जिससे ठंड और अधिक बढ़ने की उम्मीद है।
उत्तर भारत में तापमान में गिरावट के आसार
IMD के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट देखी जा सकती है। 31 दिसंबर से 2 जनवरी तक इन क्षेत्रों में शीतलहर के प्रबल आसार हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश में अगले पांच दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान 4 से 6 डिग्री सेल्सियस तक कम होने की संभावना है।
घने कोहरे की चेतावनी
IMD ने घने कोहरे की चेतावनी जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, नए साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी को पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में घना कोहरा देखने को मिल सकता है। इसके साथ ही मध्य और पूर्वी भारत में भी तापमान में गिरावट का पूर्वानुमान है।
पश्चिमी विक्षोभ का असर
6 जनवरी से एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिम भारत के मौसम को प्रभावित कर सकता है। इसके कारण पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। इस विक्षोभ का असर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में भी महसूस किया जा सकता है।
मध्य और पूर्वी भारत में भी ठंड बढ़ेगी
मंगलवार से अगले पांच दिनों में मध्य भारत में न्यूनतम तापमान 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। पूर्वी भारत में यह गिरावट 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक हो सकती है। महाराष्ट्र में भी अगले पांच दिनों के दौरान तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जा सकती है।
जनता के लिए सावधानियां
इस ठंड से बचने के लिए लोगों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। गर्म कपड़े पहनें, घर से बाहर निकलने पर शरीर को पूरी तरह ढकें और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। सर्दी से प्रभावित इलाकों में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों का।
निष्कर्ष
2025 की शुरुआत के साथ ही ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। घना कोहरा, शीतलहर और तापमान में गिरावट उत्तर और मध्य भारत को अपनी चपेट में लेने वाली है। ऐसे में सतर्कता और सावधानियां ही हमें सुरक्षित रख सकती हैं।