नए साल में बिहार में ठंड का कहर: बर्फीली हवाओं से पारा गिरा, जानें मौसम का पूरा हाल!
पटना: नए साल का पहला दिन बिहारवासियों के लिए कड़ाके की ठंड लेकर आया। हिमालय से आ रही उत्तर-पछुआ बर्फीली हवाओं के कारण राज्य का तापमान तेजी से गिरा। राजधानी पटना समेत राज्य के अधिकांश हिस्सों में सुबह से ही ठंड का असर महसूस किया गया। गुरुवार को भी 15 जिलों में बर्फीली हवाओं के चलते ठंड का प्रभाव बना रहेगा।
कोहरा और बादलों का असर
मौसम विभाग के अनुसार, बिहार के अधिकांश इलाकों में सुबह हल्के कोहरे के साथ बादल छाए रहेंगे। हालांकि, सूरज की हल्की रोशनी कुछ देर के लिए दिखाई दे सकती है, लेकिन इससे ठंड में कमी आने की संभावना नहीं है। रात के समय तापमान में गिरावट से ठंड और बढ़ सकती है।
मौसम में बदलाव का कारण
मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के मुताबिक, प्रदेश में अगले तीन दिनों तक हल्के और मध्यम कोहरे का अनुमान है। यह बदलाव सर्दी के मौसम का सामान्य हिस्सा है, लेकिन इस बार तापमान में गिरावट तेज़ी से हुई है। ऐसा पहली बार है जब पटना सहित नौ जिलों में तापमान में इतनी बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
रबी फसल के लिए लाभकारी
तापमान में आई यह गिरावट किसानों के लिए अच्छी खबर लेकर आई है। रबी की फसल के लिए ठंड और कम तापमान अनुकूल माने जाते हैं। इस सीजन में किसानों को उम्मीद है कि ठंड उनके खेतों की उत्पादकता बढ़ाएगी।
बिहार में तापमान का पैटर्न
मौसम में आए बदलाव के कारण बुधवार को प्रदेश का न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। पटना समेत 30 शहरों में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई, जबकि 18 शहरों के अधिकतम तापमान में हल्की बढ़त देखी गई।
- पूर्णिया: सबसे अधिकतम तापमान 23.5 डिग्री सेल्सियस।
- सहरसा (अगवानपुर): न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस।
- पटना: तापमान में गिरावट के साथ कड़ाके की ठंड का एहसास।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विभाग का कहना है कि तापमान में अभी और गिरावट हो सकती है। बर्फीली हवाओं के प्रभाव से ठंड का दौर जारी रहेगा। अगले कुछ दिनों तक कोहरे का प्रभाव रहने से सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
ठंड से बचाव के उपाय
ठंड के प्रकोप को देखते हुए लोगों को पर्याप्त गर्म कपड़े पहनने और बाहर जाने से बचने की सलाह दी गई है। बुजुर्गों और बच्चों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
नए साल की शुरुआत में बिहार में ठंड का कहर जारी है। मौसम में आया यह बदलाव सर्दियों के लिए सामान्य है, लेकिन इसके साथ सतर्कता बरतना जरूरी है। जहां यह ठंड रबी की फसल के लिए लाभकारी है, वहीं जनजीवन के लिए यह एक चुनौती भी है।