हरियाणा में मानसून का तांडव 🚨: 8 जिलों में लगातार बारिश, लाखों किसान बेहाल – क्या सच में 20 सितंबर से खत्म होगा बारिश का सिलसिला?
हरियाणा में मानसून की विदाई से पहले एक बार फिर बारिश का दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार 17 से 19 सितंबर तक प्रदेश के कई जिलों में लगातार बारिश देखने को मिलेगी, जिसके बाद 20 सितंबर से मानसून विदाई ले सकता है। इस बार मानसून ने हरियाणा में औसत से करीब 40% ज्यादा बरसात की है। यमुनानगर, अंबाला और करनाल जैसे जिलों में जहां भारी बारिश दर्ज की गई है, वहीं भिवानी, हिसार और जींद जैसे इलाकों में किसानों की फसलों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। 🌾
सरकारी रिपोर्ट बताती है कि अब तक करीब 29 लाख एकड़ से ज्यादा फसलें प्रभावित हुई हैं और हजारों किसान मुआवजे की उम्मीद में आवेदन कर चुके हैं। ऐसे में सितंबर का यह आखिरी हफ्ता किसानों और आम जनता दोनों के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि हरियाणा के किन-किन जिलों में बारिश के आसार हैं, कब मौसम साफ होगा और 20 सितंबर के बाद कैसा रहेगा हरियाणा का मौसम। 🌍
हरियाणा में मानसून का आखिरी दौर 🌧️
मौसम विज्ञान केंद्र चंडीगढ़ के अनुसार हरियाणा में 17 सितंबर से लेकर 19 सितंबर तक लगातार बारिश होगी। इसके बाद 20 सितंबर से एंटी-साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने की संभावना है, जिससे मानसून की सक्रियता घट जाएगी। यानी यह बारिश मानसून की विदाई से पहले का आखिरी बड़ा स्पेल होगा।
इन जिलों में भारी बारिश की संभावना 🚨
17 से 19 सितंबर के बीच हरियाणा के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
- उत्तर हरियाणा: अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर, करनाल और कुरुक्षेत्र।
- मध्य हरियाणा: कैथल, जींद, पानीपत, सोनीपत।
- पश्चिम हरियाणा: सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, रोहतक, झज्जर।
- दक्षिण हरियाणा: महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, नूंह, फरीदाबाद और पलवल।
इन जिलों में बारिश के साथ तेज हवाएं और गरज-चमक भी देखने को मिल सकती है।
अब तक मानसून का प्रदर्शन 🌍
हरियाणा में इस साल मानसून ने औसत से 40% ज्यादा बरसात दी है।
- सबसे ज्यादा बारिश: यमुनानगर जिले में दर्ज की गई।
- कुल फसल नुकसान: 29 लाख एकड़ से ज्यादा।
- सबसे ज्यादा प्रभावित जिले: भिवानी, जींद, हिसार, चरखी दादरी और महेंद्रगढ़।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, करीब 6,310 गांवों में फसलों को नुकसान हुआ है और 4.97 लाख किसानों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया है।
किसानों पर असर 🌾
बारिश के इस मौसम ने किसानों की कमर तोड़ दी है। धान, बाजरा और कपास जैसी फसलें जलभराव से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। किसानों का कहना है कि उनकी मेहनत की महीनों की फसल बर्बाद हो गई है और अब उन्हें केवल सरकारी मदद पर ही उम्मीद है।
दिन-प्रतिदिन का मौसम पूर्वानुमान 📅
17 सितंबर 2025
- पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल में हल्की बारिश।
- कैथल, जींद, पानीपत और सोनीपत में कहीं-कहीं बूंदाबांदी।
- बाकी जिलों में मौसम साफ।
18 सितंबर 2025
- अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल में हल्की से मध्यम बारिश।
- कैथल, जींद, पानीपत और सोनीपत में हल्की बारिश।
- पश्चिम हरियाणा में मौसम साफ लेकिन उमस बढ़ सकती है।
19 सितंबर 2025
- उत्तर हरियाणा (पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल) में हल्की बारिश।
- शेष जिलों में मौसम साफ।
20 सितंबर के बाद कैसा रहेगा मौसम 🌤️
20 सितंबर के बाद हरियाणा में एंटी-साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने की संभावना है। इसका मतलब है कि राज्य में मानसून की विदाई शुरू हो जाएगी और बारिश की संभावना बेहद कम रह जाएगी। हालांकि मौसम में आंशिक बदलाव जैसे बादल छाना और हल्की हवाएं चलना जारी रह सकता है।
हरियाणा में मानसून का आर्थिक असर 💰
लगातार बारिश ने किसानों को आर्थिक रूप से गहरी चोट पहुंचाई है। 29 लाख एकड़ फसल बर्बाद होने से अनाज उत्पादन में भी गिरावट आ सकती है। इससे राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी खाद्यान्न आपूर्ति पर असर पड़ सकता है।
निष्कर्ष 🌈
हरियाणा में मानसून की विदाई से पहले आखिरी बारिश का दौर शुरू हो चुका है। 17 से 19 सितंबर तक कई जिलों में बारिश होगी और 20 सितंबर से मौसम साफ होने लगेगा। किसानों को इस बार की बारिश ने जहां उम्मीदें दीं, वहीं नुकसान भी भारी झेलना पड़ा है। अब सभी की निगाहें सरकार की राहत योजनाओं और मौसम के अगले बदलाव पर टिकी हैं।
FAQs ❓
Q1. हरियाणा में मानसून कब विदा होगा?
20 सितंबर से मानसून की विदाई शुरू हो सकती है।
Q2. सबसे ज्यादा बारिश किन जिलों में हुई है?
यमुनानगर, अंबाला और करनाल में।
Q3. किसानों को कितना नुकसान हुआ है?
करीब 29 लाख एकड़ फसलों को नुकसान पहुंचा है।
Q4. 17 से 19 सितंबर तक किन जिलों में बारिश होगी?
अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, पानीपत और सोनीपत।
Q5. क्या 20 सितंबर के बाद भी बारिश होगी?
20 सितंबर के बाद बारिश की संभावना कम है क्योंकि एंटी-साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनेगा।