झारखंड मौसम अलर्ट 13 से 16 जुलाई 2025: रांची, खूंटी, बोकारो और सरायकेला में भारी बारिश की चेतावनी, आज का मौसम बेहद खतरनाक!
झारखंड में मानसून पूरी रफ्तार में है और राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग ने रांची, खूंटी, गुमला, बोकारो, रामगढ़ और कोल्हान क्षेत्र के लिए अगले चार दिनों तक येलो अलर्ट ⚠️ जारी किया है। इस दौरान इन जिलों में तेज बारिश 🌧️, गरज ⚡और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है। यह चेतावनी झारखंड के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि अब तक राज्य में सामान्य से 64% से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है।
🌪️ साइक्लोनिक सर्कुलेशन से बना भारी बारिश का खतरा
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, झारखंड के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन 🌀 सक्रिय है, जिसकी वजह से नमी युक्त हवाएं बंगाल की खाड़ी से आ रही हैं। इससे प्रदेश में लगातार बारिश हो रही है और आने वाले दिनों में भी मौसम का मिजाज यूं ही बना रहेगा। रांची में शनिवार को दिनभर झमाझम बारिश ☔ होती रही, जिससे शहर की सड़कों पर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई।
📊 बारिश के आंकड़े: सामान्य से 150% अधिक बारिश
1 जून से लेकर 12 जुलाई तक की बात करें, तो राज्य में 504.8 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है, जबकि सामान्य बारिश केवल 307 मिमी होती है। इसका अर्थ है कि झारखंड में इस बार 64% अधिक बारिश हुई है। खासकर राजधानी रांची में 773 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य से 150% ज्यादा है। यह भारी वर्षा किसानों के लिए तो राहत की बात है, लेकिन जलभराव और बिजली गिरने जैसी आपदाओं की वजह से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
🌡️ तापमान अपडेट: सरायकेला सबसे गर्म
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटे में झारखंड का सबसे अधिक तापमान सरायकेला में 35.4 डिग्री सेल्सियस 🌡️ रिकॉर्ड किया गया। वहीं राजधानी रांची में अधिकतम तापमान 28.4 डिग्री रहा, जो कि पिछले दिन से 3 डिग्री ज्यादा है। लातेहार में सबसे कम तापमान 26.7 डिग्री दर्ज किया गया।
जिला | अधिकतम तापमान (℃) |
---|---|
सरायकेला | 35.4 |
रांची | 28.4 |
लातेहार | 26.7 |
⚠️ येलो अलर्ट का मतलब क्या है?
येलो अलर्ट 🟡 का मतलब है कि मौसम खतरनाक हो सकता है और लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। इस चेतावनी में भारी बारिश, तेज हवाएं 💨 और बिजली गिरने ⚡ की संभावना होती है। इस तरह के हालात में बिजली उपकरणों से दूरी, खुले मैदानों से बचाव और अनावश्यक यात्रा से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
🌾 किसानों और स्थानीय लोगों के लिए सलाह
- किसानों को चाहिए कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करें, ताकि अधिक पानी से फसल खराब न हो।
- ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग बिजली गिरने के समय पेड़ों और बिजली के खंभों के नीचे न खड़े हों।
- निचले इलाकों में जलजमाव की स्थिति बन सकती है, इसलिए लोग घर से बाहर निकलने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें।
- स्कूल और अन्य संस्थानों में आपदा प्रबंधन पर विशेष सतर्कता बरती जाए।
📌 किन जिलों में ज्यादा असर?
👉 रांची – लगातार भारी बारिश की संभावना
👉 खूंटी – तेज हवाओं के साथ वज्रपात
👉 गुमला – जलभराव और निचले इलाकों में खतरा
👉 रामगढ़ – बिजली गिरने की अधिक संभावना
👉 बोकारो – सड़कों पर पानी भरने की आशंका
👉 कोल्हान – सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज
🔎 आज का मौसम (13 जुलाई 2025): Jharkhand Weather Today
आज झारखंड में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है, खासकर दक्षिण और मध्य जिलों में। बादल छाए रहेंगे ☁️ और दोपहर से लेकर देर रात तक वर्षा की तीव्रता बढ़ सकती है। इसलिए आज के दिन खास सतर्क रहने की जरूरत है।
🌧️ कल का पूर्वानुमान (14 जुलाई 2025): Jharkhand Weather Tomorrow
कल भी राज्य के अधिकांश हिस्सों में वर्षा का सिलसिला जारी रहेगा। मौसम विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि मंगलवार और बुधवार को भी यही स्थिति बनी रहेगी। वज्रपात और तेज हवाएं जनजीवन को प्रभावित कर सकती हैं।
🔚 निष्कर्ष
झारखंड में मानसून की रफ्तार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्क रहना बेहद जरूरी है। जहां किसानों के लिए यह बारिश लाभकारी हो सकती है, वहीं आम नागरिकों के लिए यह चिंता का विषय भी बन सकती है। ऐसे में मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करना, सतर्क रहना और जरूरी सावधानियां बरतना ही सबसे बेहतर विकल्प है।
❓FAQs: झारखंड मौसम अलर्ट 2025
Q1. झारखंड में येलो अलर्ट कब तक रहेगा?
👉 यह येलो अलर्ट अगले 4 दिनों तक, यानी 13 जुलाई से 16 जुलाई 2025 तक जारी रहेगा।
Q2. किन जिलों में भारी बारिश की संभावना है?
👉 रांची, खूंटी, बोकारो, गुमला, कोल्हान और रामगढ़ में सबसे ज्यादा बारिश का अनुमान है।
Q3. साइक्लोनिक सर्कुलेशन क्या होता है?
👉 यह एक चक्रवातीय हवाओं का क्षेत्र होता है, जो भारी वर्षा और तूफान लाता है।
Q4. येलो अलर्ट में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
👉 बिजली के उपकरणों से दूरी, पेड़ों और खुले स्थानों से बचाव और मौसम विभाग के निर्देशों का पालन।
Q5. क्या यह बारिश फसलों के लिए लाभकारी है?
👉 हां, अगर पानी का प्रबंधन सही किया जाए तो यह बारिश धान और अन्य खरीफ फसलों के लिए फायदेमंद हो सकती है।