केरल में 8 दिन पहले पहुंचा मानसून, दिल्ली-NCR और महाराष्ट्र में कल का मौसम 26 मई 2025: IMD का ऑरेंज अलर्ट और भारी बारिश की चेतावनी ⚠️
भारत में मानसून 🌧️ ने इस साल तय समय से पहले ही दस्तक दे दी है, जिससे देशभर में मौसम का मिज़ाज बदल गया है। केरल में झमाझम बारिश शुरू हो चुकी है और दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, गोवा, और कोंकण क्षेत्र समेत कई बड़े शहरों में ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी किए गए हैं।
भारत मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, केरल में मानसून का आगमन आमतौर पर 1 जून को होता है, लेकिन इस बार 8 दिन पहले, यानी 23 मई को ही मानसून पहुंच गया, जो कि पिछले 16 वर्षों में सबसे जल्दी हुआ मानसून है।
📅 मानसून आगमन का ऐतिहासिक रिकॉर्ड
- 🌧️ सबसे जल्दी मानसून: 1918 में 11 मई को केरल में मानसून की दस्तक हुई थी।
- 🌧️ इस बार: 23 मई को मानसून ने केरल में एंट्री की है।
- 🌧️ पिछली बार इतनी जल्दी: 2009 और 2001 में भी 23 मई को ही मानसून आया था।
- 🌧️ सबसे देरी से मानसून: 1972 में, जब 18 जून को मानसून आया।
- 🌧️ हालिया देरी: 2016 में 9 जून को मानसून ने दस्तक दी थी।
🌧️ बारिश का अलर्ट: केरल से लेकर महाराष्ट्र तक
🔴 केरल में रेड अलर्ट जारी
भारत मौसम विभाग (IMD) ने केरल के कई जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया है, जहां अगले 24 घंटे में 20 सेमी से ज्यादा बारिश हो सकती है।
🟠 ऑरेंज अलर्ट जारी जिलों में संभावित वर्षा
- जिन इलाकों में 11 से 20 सेमी तक बारिश का अनुमान है, वहां ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
- इसके अलावा, जहां 6 से 11 सेमी बारिश हो सकती है, वहां येलो अलर्ट है।

🌩️ दिल्ली-NCR में तेज़ हवाएं और गरज के साथ बारिश
21 मई को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, और गुरुग्राम में आए तूफान ने शहरों को हिला दिया।
- 🌪️ हवा की रफ्तार: 70 किमी/घंटा
- ❄️ ओलावृष्टि और भारी बारिश के साथ तबाही का मंजर।
IMD का पूर्वानुमान
- 25-26 मई: आंशिक रूप से बादल और गरज के साथ बारिश 🌧️
- 27 मई: तेज़ बारिश और बौछारें पड़ने की संभावना।
☔ मुंबई और कोंकण में भारी बारिश का खतरा
🔴 रायगढ़ और रत्नागिरी में रेड अलर्ट
- दक्षिण कोंकण और गोवा तट के पास बना निम्न दबाव क्षेत्र।
- अगले 3 दिन में अत्यधिक बारिश की चेतावनी।
🟠 मुंबई, ठाणे और पुणे में ऑरेंज अलर्ट
- ⚠️ 50 से 60 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज़ हवाएं।
- भारी बारिश, बिजली की गरज और बौछारें।
🌱 मानसून से कृषि क्षेत्र को जबरदस्त राहत
🇮🇳 ग्रामीण भारत के लिए राहत की खबर
- जल्दी बारिश से धान, दलहन, तिलहन, कपास और सब्जियों जैसी खरीफ फसलों की समय पर बुवाई संभव।
- भूजल स्तर में सुधार और जलाशय भरने में सहायता।
- ग्रामीण आय में वृद्धि और खाद्य सुरक्षा में मजबूती।
⚠️ विशेषज्ञों की चेतावनी
हालांकि शुरुआत उत्साहजनक है, लेकिन असली लाभ तभी होगा जब मानसून पूरे देश में संतुलित और स्थिर रूप से फैले।
🇮🇳 देशभर में समान बारिश क्यों है ज़रूरी?
🌾 खरीफ फसलों की सफलता का रहस्य
- मानसून का समान प्रसार ही फसलों की उत्पादकता सुनिश्चित करता है।
- असमान वर्षा या सूखा मानसून के शुरुआती फायदों को खत्म कर सकता है।
📈 आर्थिक विकास पर असर
- यदि मानसून जुलाई के मध्य तक मध्य और उत्तर भारत में भी पहुंचता है, तो:
- खेती में उत्पादन बढ़ेगा
- महंगाई नियंत्रित रहेगी
- GDP में बढ़ोतरी होगी
✅ मुख्य बिंदु संक्षेप में 🌟
- ⏰ मानसून इस बार 8 दिन पहले केरल पहुंचा
- 🌧️ केरल, मुंबई, दिल्ली समेत कई इलाकों में अलर्ट
- 🌪️ दिल्ली में तेज़ आंधी और बारिश
- 🌾 खेती-किसानी को मिलेगा फायदा
- 🧠 विशेषज्ञों ने दी सावधानी बरतने की सलाह
📌 FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. केरल में मानसून कब आया?
👉 23 मई को, जो कि तय समय से 8 दिन पहले है।
Q2. सबसे जल्दी मानसून कब आया था?
👉 साल 1918 में 11 मई को।
Q3. दिल्ली में बारिश कब तक जारी रहेगी?
👉 25 से 27 मई के बीच गरज के साथ बारिश की संभावना है।
Q4. मुंबई में क्या चेतावनी जारी की गई है?
👉 ऑरेंज अलर्ट, भारी वर्षा और तेज़ हवाओं के साथ।
Q5. क्या मानसून का जल्दी आना फायदेमंद है?
👉 हां, खासतौर पर कृषि क्षेत्र के लिए, लेकिन इसका फायदा तभी होगा जब बारिश समान रूप से पूरे देश में फैले।
📝 निष्कर्ष
इस साल मानसून का जल्दी आगमन भारत के लिए कई मायनों में अच्छा संकेत है। इससे खेती-किसानी को गति मिलेगी, गर्मी से राहत मिलेगी, और जल संकट कम होगा। हालांकि, इस राहत की असली तस्वीर तब सामने आएगी जब मानसून देशभर में समान रूप से फैलेगा। अगर ऐसा हुआ, तो न केवल किसानों के चेहरे खिलेंगे बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था भी रफ्तार पकड़ेगी 🚜🌾।