भारत का नया मौसम कैलेंडर 2025 📅: समय से विदा होगा मॉनसून, लेकिन ला नीना बनाएगा सर्दियों को खतरनाक ठंडी – जानें पूरी डिटेल
भारत का मौसम हमेशा से ही चौंकाने वाला और रोमांचक रहा है। कभी झमाझम बारिश से पूरा देश तर-बतर हो जाता है, तो कभी ठंडी हवाएँ और कोहरे की चादर चारों ओर फैल जाती है। इस साल मानसून का आगमन सामान्य से जल्दी हुआ, जिसने लोगों को गर्मी से राहत दी, लेकिन इसके साथ ही बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन जैसी घटनाओं ने कई राज्यों में तबाही मचाई। अब मौसम धीरे-धीरे करवट ले रहा है और मानसून विदाई की ओर है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, सितंबर के मध्य से उत्तर-पश्चिम भारत में मॉनसून की वापसी शुरू हो सकती है। इसके बाद देश को भयंकर ठंड का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि “ला नीना” की सक्रियता सर्दियों को और ज्यादा ठंडा बनाने जा रही है। तो आइए जानते हैं मानसून की विदाई, बारिश का हाल, ठंड की भविष्यवाणी और मौसम का नया कैलेंडर विस्तार से। 🌦️
मॉनसून 2025: सबसे जल्दी आगमन की कहानी 🌧️
साल 2025 में मानसून ने 24 मई को केरल में दस्तक दी, जो पिछले 16 सालों में सबसे जल्दी शुरुआत थी। इससे पहले 2009 में 23 मई को मानसून ने एंट्री की थी। इस बार पूरे देश में औसत से 7% ज्यादा बारिश हुई है।
- सामान्य बारिश: 778.6 मिमी
- दर्ज बारिश: 836.2 मिमी
यह आँकड़े दिखाते हैं कि मानसून ने देशभर को राहत तो दी, लेकिन इसके साथ ही कई जगहों पर कहर भी बरपाया।
उत्तर भारत में ठंडी रातों की शुरुआत ❄️
दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में मानसून धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है। बीते कुछ दिनों से यहाँ भारी बारिश नहीं हुई। वहीं रातें अब ठंडी होने लगी हैं, जिससे संकेत मिलता है कि ठंड इस बार औसत से ज्यादा होगी।
कब होगी मानसून की विदाई? 📅
IMD के अनुसार, 15 सितंबर के आसपास पश्चिमी राजस्थान से मानसून की वापसी शुरू हो जाएगी।
- सामान्य विदाई: 17 सितंबर से 15 अक्टूबर तक
- इस साल: वापसी समय पर या थोड़ा जल्दी
2020 के बाद यह पहला मौका है जब मानसून इतनी तेजी से पूरे भारत में फैला और अब समय पर लौटने जा रहा है।
यूपी-बिहार में बारिश का अलर्ट ⚡
राजस्थान और दिल्ली में मानसून भले ही कमजोर हो गया हो, लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार में अभी भी भारी बारिश का अनुमान है।
- 18 सितंबर तक मूसलाधार बारिश
- आंधी-तूफान के साथ तेज हवाएँ (30-40 किमी/घंटा)
- कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात
इस साल की बारिश का असर 🌊
बारिश ने जहाँ एक ओर किसानों को राहत दी, वहीं कई राज्यों में तबाही भी मचाई।
- पंजाब: दशकों की सबसे भयंकर बाढ़
- हिमाचल व उत्तराखंड: बादल फटना, भूस्खलन, पुल बहना
- जम्मू-कश्मीर: बार-बार बाढ़ और भूस्खलन
भयंकर ठंड के लिए तैयार हो जाइए 🥶
इस बार “ला नीना” एक्टिव होने जा रहा है, जिससे भारत में ठंड औसत से ज्यादा होगी।
- CPC (Climate Prediction Center) के अनुसार अक्टूबर-दिसंबर में ला नीना की संभावना: 71%
- असर: लंबी और ज्यादा ठंडी सर्दी
ला नीना क्या है? 🌊❄️
ला नीना प्रशांत महासागर का प्राकृतिक मौसमी बदलाव है। जब समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से कम हो जाता है, तब इसका असर दुनियाभर में मौसम पर दिखता है।
- कहीं ज्यादा बारिश
- कहीं भीषण ठंड
- कहीं सूखा
भारत में इसका सीधा असर ठंड के मौसम पर पड़ता है।
मौसम का नया कैलेंडर 2025 📅
- 24 मई: मानसून ने केरल में एंट्री की
- 8 जुलाई: पूरे भारत में फैल गया
- 15 सितंबर: पश्चिमी राजस्थान से वापसी शुरू
- 15 अक्टूबर: देशभर से पूरी विदाई
- नवंबर-दिसंबर: ला नीना एक्टिव, सर्दी का पीक
निष्कर्ष ✅
मॉनसून की विदाई इस बार समय पर होगी और इसके बाद भारत को लंबी और भयंकर ठंड का सामना करना पड़ेगा। बारिश ने जहाँ किसानों के लिए राहत दी, वहीं बाढ़ और भूस्खलन ने तबाही मचाई। आने वाले महीनों में “ला नीना” के कारण सर्दी औसत से ज्यादा ठंडी होगी। लोगों को अब से ही तैयारियों में लग जाना चाहिए।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल) 🙋♂️
Q1. मानसून की विदाई कब होगी?
Ans: 15 सितंबर से राजस्थान से मॉनसून की विदाई शुरू होगी और 15 अक्टूबर तक पूरे देश से लौट जाएगा।
Q2. क्या इस बार सर्दी ज्यादा पड़ेगी?
Ans: हाँ, ला नीना के कारण इस बार औसत से ज्यादा ठंड पड़ेगी।
Q3. क्या उत्तर भारत में अभी बारिश होगी?
Ans: उत्तर भारत के कुछ हिस्सों, खासकर यूपी और बिहार में 18 सितंबर तक भारी बारिश होगी।
Q4. ला नीना क्या है?
Ans: यह प्रशांत महासागर का मौसमी बदलाव है, जिसमें समुद्र का पानी ठंडा हो जाता है और इसका असर दुनियाभर के मौसम पर पड़ता है।
Q5. इस साल बारिश सामान्य रही या ज्यादा?
Ans: इस साल औसत से 7% ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।