नवंबर में ठंड का बड़ा धमाका: IMD ने जारी की भविष्यवाणी – इन जिलों में 3 दिन तक बारिश, फिर गिरेगा पारा रिकॉर्ड स्तर तक
मध्यप्रदेश का मौसम इन दिनों एक नए मोड़ पर है। नवंबर की शुरुआत होते ही राज्य के कई हिस्सों में बादल छाने लगे हैं और हल्की फुहारें लोगों को ठंड की आहट महसूस करा रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों तक प्रदेश के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश जारी रह सकती है। वहीं, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने दो निम्न दाब क्षेत्रों के कारण वातावरण में नमी बढ़ गई है। इस बदलते मौसम के बीच विशेषज्ञों का कहना है कि 3 नवंबर से सक्रिय होने वाले वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। इसका सीधा मतलब है कि नवंबर के दूसरे सप्ताह से प्रदेश में सर्दी की शुरुआत तेज़ी से होगी। बारिश, बादल और ठंडी हवाओं का यह मेल मध्यप्रदेश के मौसम को दिलचस्प बना रहा है।
मध्यप्रदेश का मौजूदा मौसम: बादल, बारिश और ठंडी हवाओं का संगम
मध्यप्रदेश में नवंबर का पहला सप्ताह ठंड और बारिश दोनों लेकर आया है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, प्रदेश के कई हिस्सों में आने वाले तीन दिनों तक बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश होती रहेगी। रविवार को इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के 10 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, भोपाल, ग्वालियर और उज्जैन में बादलों की घनी उपस्थिति से दिनभर धूप नदारद रह सकती है।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, यह हल्की बारिश किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, खासतौर पर उन इलाकों में जहां रबी फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है।
दो सक्रिय मौसम प्रणालियां: अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में हलचल
इस समय दो लो-प्रेशर सिस्टम (Low Pressure Areas) — एक अरब सागर और दूसरा बंगाल की खाड़ी में सक्रिय हैं।
हालांकि, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि इनका सीधा प्रभाव मध्यप्रदेश में बहुत अधिक नहीं पड़ेगा।
इन दोनों सिस्टम से हल्की फुहारें और आंशिक बारिश की संभावना बनी रहेगी, लेकिन भारी बारिश के आसार नहीं हैं।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, पिछले चार दिनों से सक्रिय यह सिस्टम अब कमजोर पड़ने लगा है।

बारिश का अलर्ट किन जिलों में जारी है
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए जिन जिलों में हल्की बारिश का अलर्ट जारी किया है, वे हैं:
| जिला | संभावित मौसम | टिप्पणी |
|---|---|---|
| झाबुआ | हल्की बारिश | बादल दिनभर छाए रहेंगे |
| अलीराजपुर | बौछारें | तापमान में गिरावट |
| धार | छिटपुट फुहारें | ठंडी हवाएं सक्रिय |
| बड़वानी | बादल और बूंदाबांदी | रात ठंडी रहेगी |
| खरगोन | फुहारें | किसानों को राहत |
| खंडवा | हल्की बारिश | हवा में नमी बढ़ेगी |
| बुरहानपुर | फुहारें | मौसम सुहावना |
| बैतूल | बादल छाए रहेंगे | तापमान कम होगा |
| छिंदवाड़ा | हल्की बारिश | ठंड की शुरुआत |
| पांढुर्णा | बूंदाबांदी | ठंडक बढ़ेगी |
भोपाल में शाम या रात के समय हल्की बारिश होने की संभावना है, जिससे न्यूनतम तापमान में गिरावट आ सकती है।
3 नवंबर से वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर
मौसम विभाग ने बताया है कि 3 नवंबर की रात से पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस (Western Disturbance) सक्रिय होगा। यह सिस्टम अगले 48 घंटों में मध्यप्रदेश के मौसम को प्रभावित करेगा। इससे ठंडी उत्तरी हवाएं प्रदेश में प्रवेश करेंगी, जिससे न्यूनतम तापमान में 3 से 5 डिग्री तक गिरावट संभव है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव खासकर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सबसे पहले दिखेगा, जहां से ठंडी हवाएं पूरे प्रदेश में फैलती हैं।
मानसून की विदाई लेकिन यादें बाकी
2024 का मानसून मध्यप्रदेश के लिए यादगार साबित हुआ। प्रदेश के 30 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। यहां तक कि गुना जिला इस बार सबसे अधिक वर्षा वाला जिला रहा, जहां 65.7 इंच तक बारिश दर्ज की गई।
वहीं, श्योपुर में औसत से 216% अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। इस बारिश ने प्रदेश के जलाशयों और भू-जल स्तर में भारी सुधार किया है, जिससे रबी सीजन की खेती को भी फायदा मिलेगा।
नवंबर में ठंड की बढ़त — नया तापमान रिकॉर्ड संभव
मौसम विभाग ने पहले ही संकेत दिए हैं कि नवंबर के दूसरे सप्ताह से सर्दी तेजी से बढ़ेगी। खासकर ग्वालियर, उज्जैन, रतलाम, और रीवा जैसे क्षेत्रों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज हो सकती है।
ऐतिहासिक आंकड़ों के अनुसार:
- ग्वालियर में 56 साल पहले नवंबर में रात का तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था।
- वहीं उज्जैन में नवंबर का न्यूनतम रिकॉर्ड 2.3 डिग्री रहा है।
इस बार भी विशेषज्ञों का अनुमान है कि पहले सप्ताह की हल्की बारिश के बाद दूसरे सप्ताह में तेज ठंडी हवाएं चलेंगी।
कृषि पर असर: फसलों के लिए राहत या चुनौती?
बारिश और तापमान में गिरावट का मिश्रित प्रभाव देखने को मिलेगा।
- गेहूं, चना और मसूर जैसी रबी फसलें इस नमी से लाभान्वित होंगी।
- लेकिन जिन इलाकों में अत्यधिक नमी रहेगी, वहां कीटनाशक और फफूंदजनित रोगों का खतरा भी रहेगा।
विशेषज्ञ किसानों को सलाह दे रहे हैं कि वे अपने खेतों की नमी पर नजर रखें और फसल बचाव के लिए फफूंदनाशी का उपयोग करें।
ठंड के असर से स्वास्थ्य पर क्या पड़ेगा प्रभाव
तेज ठंडी हवाओं की वजह से सर्दी-जुकाम, बुखार और खांसी के मामले बढ़ सकते हैं। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि सुबह और रात के समय गर्म कपड़े जरूर पहनें और शरीर को ठंडी हवा से बचाएं।
आने वाले दिनों का मौसम पूर्वानुमान (Forecast Chart)
| तारीख | संभावित तापमान (°C) | मौसम स्थिति |
|---|---|---|
| 2 नवंबर | न्यूनतम 17 / अधिकतम 29 | बादल और हल्की बारिश |
| 3 नवंबर | न्यूनतम 16 / अधिकतम 28 | वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय |
| 4 नवंबर | न्यूनतम 15 / अधिकतम 26 | ठंडी हवाएं शुरू |
| 5 नवंबर | न्यूनतम 13 / अधिकतम 25 | तापमान में गिरावट |
| 6 नवंबर | न्यूनतम 12 / अधिकतम 24 | ठंड में तेजी |
मौसम विभाग की सलाह
- किसानों को अगले तीन दिनों तक फसल कटाई स्थगित रखने की सलाह।
- नागरिकों को रात में हल्की गर्मी वाले कपड़े पहनने की अपील।
- ड्राइवरों को धुंध की स्थिति में सावधानीपूर्वक वाहन चलाने की चेतावनी।
निष्कर्ष (Conclusion)
मध्यप्रदेश में नवंबर की शुरुआत हल्की बारिश और ठंडी हवाओं के साथ हो रही है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के लो प्रेशर सिस्टम से अगले तीन दिन तक प्रदेश के कई हिस्सों में बूंदाबांदी जारी रहेगी। वहीं 3 नवंबर से वेस्टर्न डिस्टरबेंस के सक्रिय होने पर ठंडी उत्तरी हवाओं का प्रभाव बढ़ेगा, जिससे तापमान में गिरावट और सर्दी में तेजी आएगी। कुल मिलाकर, यह नवंबर मध्यप्रदेश में ठंड के वास्तविक मौसम की शुरुआत लेकर आएगा।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या मध्यप्रदेश में अगले तीन दिनों तक बारिश होगी?
हाँ, मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर सहित 10 जिलों में हल्की बारिश की संभावना जताई है। हालांकि यह बारिश भारी नहीं होगी, लेकिन वातावरण में नमी बढ़ेगी और तापमान में गिरावट आएगी।
2. वेस्टर्न डिस्टरबेंस क्या होता है और इसका असर कब दिखेगा?
वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक पश्चिमी विक्षोभ होता है जो भूमध्यसागर से होकर हिमालय और उत्तर भारत तक पहुंचता है। यह ठंडी हवाएं और बारिश लाता है। 3 नवंबर की रात से यह सक्रिय होगा और 48 घंटे बाद मध्यप्रदेश में इसका असर दिखेगा।
3. किसानों को इस मौसम में क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
किसानों को बारिश के दौरान फसल कटाई रोकनी चाहिए और खेतों में अतिरिक्त पानी जमा न होने दें। साथ ही फसलों को फफूंद से बचाने के लिए छिड़काव करना चाहिए।
4. क्या इस बार नवंबर में ठंड सामान्य से ज्यादा होगी?
हाँ, विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार नवंबर का तापमान सामान्य से 3 से 5 डिग्री तक नीचे जा सकता है, खासकर ग्वालियर-चंबल और उज्जैन क्षेत्र में।
5. किन जिलों में सबसे ज्यादा बारिश हुई थी?
इस साल मानसून सीजन में सबसे ज्यादा बारिश गुना जिले में 65.7 इंच दर्ज की गई थी। वहीं श्योपुर में सामान्य से 216% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई।





