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उत्तराखंड-देहरादून, बिहार-पटना, यूपी-लखनऊ, राजस्थान-जयपुर और गुजरात-अहमदाबाद 1–6 सितंबर 2025: आज का मौसम अलर्ट, IMD ने जताई भारी बारिश व बाढ़ की चेतावनी

हिमाचल-शिमला, महाराष्ट्र-मुंबई, गोवा-पणजी, छत्तीसगढ़-रायपुर और बिहार-भागलपुर 1–7 सितंबर 2025: आज का मौसम अपडेट, जानें कहां होगी बाढ़ और कहां मिलेगी राहत

अगस्त 2025 का महीना भारत के लिए यादगार तो रहा, लेकिन यह यादें सुखद नहीं बल्कि विनाशकारी रहीं। लगातार हुई भारी बारिश और बाढ़ ने देश के कई हिस्सों में तबाही मचा दी। उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक, लगभग हर क्षेत्र ने बारिश का असर महसूस किया। जहां पंजाब और हरियाणा में बाढ़ ने दशकों का रिकॉर्ड तोड़ा, वहीं हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में बादल फटने और भूस्खलन ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। लाखों लोग बेघर हुए, सैकड़ों गांव डूब गए और हजारों हेक्टेयर फसलें पानी में समा गईं।

अब सवाल उठता है कि सितंबर 2025 कैसा रहेगा? क्या यह महीना राहत लेकर आएगा या और अधिक मुसीबतें खड़ी करेगा? भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सितंबर के लिए विस्तृत पूर्वानुमान जारी किया है। इसमें साफ कहा गया है कि औसत से अधिक वर्षा की संभावना है, लेकिन यह वर्षा सभी जगह समान रूप से नहीं होगी। कुछ राज्यों को भारी बारिश और बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है, जबकि कुछ क्षेत्रों में अपेक्षा से कम वर्षा देखने को मिलेगी।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि अगस्त 2025 में बारिश का हाल कैसा रहा, किन राज्यों में तबाही मची, और सितंबर 2025 में मौसम विभाग ने क्या अनुमान जताया है। साथ ही हम यह भी समझेंगे कि इस बारिश का असर किसानों, आम लोगों और देश की अर्थव्यवस्था पर किस तरह पड़ सकता है।


अगस्त 2025: रिकॉर्ड तोड़ बारिश और बाढ़ का कहर

अगस्त 2025 ने भारत में कई दशकों पुराने बारिश के रिकॉर्ड तोड़ दिए। भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस महीने देशभर में औसत 268.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई। यह सामान्य वर्षा से लगभग 5% अधिक थी। लेकिन इस औसत के पीछे छिपा हुआ सच और भी भयावह था।

उत्तर-पश्चिम भारत पर सबसे ज्यादा असर

उत्तर-पश्चिम भारत, जिसमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं, अगस्त में लगातार हुई बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। यहां औसतन 265 मिमी वर्षा दर्ज हुई, जो सामान्य से 34% अधिक थी। यह 2001 के बाद का सबसे ज्यादा बरसात वाला अगस्त रहा।

पंजाब में नदियां उफान पर आ गईं, गांव-गांव में पानी भर गया और लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हुए। दशकों में पहली बार इतनी बड़ी बाढ़ देखने को मिली। हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि डूब गई और किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच गए।

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की स्थिति और भी खराब रही। यहां बादल फटने और अचानक बाढ़ आने की घटनाओं ने कई लोगों की जान ले ली। सैकड़ों सड़कें बह गईं, पुल टूट गए और कई गांवों का संपर्क टूट गया। जम्मू-कश्मीर में लगातार बादल फटने और भूस्खलन ने हालात और बिगाड़ दिए।

दक्षिण भारत में भी रिकॉर्ड बारिश

सिर्फ उत्तर भारत ही नहीं, बल्कि दक्षिण भारत भी अगस्त की बारिश से बच नहीं पाया। दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में 250.6 मिमी वर्षा दर्ज हुई, जो सामान्य से 31% अधिक थी। 2001 के बाद से यह तीसरा सबसे ज्यादा बरसात वाला अगस्त साबित हुआ।

आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के कई हिस्सों में भारी बारिश ने नए रिकॉर्ड बनाए। कई जिलों में जलभराव से जनजीवन प्रभावित हुआ और फसलों को भी नुकसान पहुंचा।


जून-अगस्त 2025: मानसून का संक्षिप्त आकलन

जून से अगस्त तक भारत में औसतन 743.1 मिमी वर्षा हुई, जो सामान्य से लगभग 6% अधिक रही।

  • जून 2025: 180 मिमी बारिश (सामान्य से 9% ज्यादा)
  • जुलाई 2025: 294.1 मिमी बारिश (सामान्य से 5% ज्यादा)
  • अगस्त 2025: 268.1 मिमी बारिश (सामान्य से 5.2% ज्यादा)

यह आंकड़े दिखाते हैं कि इस बार का मानसून सामान्य से कहीं ज्यादा सक्रिय रहा।


सितंबर 2025 के लिए आईएमडी का पूर्वानुमान

भारतीय मौसम विभाग ने सितंबर 2025 के लिए स्पष्ट अनुमान जारी किया है। विभाग के अनुसार, सितंबर में देशभर में दीर्घावधि औसत से 109% अधिक वर्षा हो सकती है।

किन क्षेत्रों में होगी ज्यादा बारिश?

  • उत्तर भारत और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से ज्यादा वर्षा होगी।
  • पश्चिमी तटवर्ती क्षेत्र, गुजरात और महाराष्ट्र में भारी बारिश की संभावना है।

किन क्षेत्रों को मिलेगी राहत?

  • पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होगी।
  • दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में भी बारिश कम हो सकती है।

सितंबर में सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्य

उत्तराखंड

उत्तराखंड में भारी वर्षा की संभावना है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि यहां भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की घटनाएं बढ़ सकती हैं। पहाड़ों से निकलने वाली नदियां उफान पर होंगी, जिससे निचले इलाकों में भी बाढ़ का खतरा रहेगा।

उत्तर प्रदेश

अगस्त में पहले ही सामान्य से अधिक बारिश देखने के बाद सितंबर में भी यूपी के हालात बिगड़ सकते हैं। पश्चिमी यूपी में भारी बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ेगा और बाढ़ की स्थिति बन सकती है।

राजस्थान

जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर और अजमेर जैसे शहरों में मानसून ट्रफ की वजह से भारी बारिश हो सकती है।

बिहार

सितंबर की शुरुआत में बिहार के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। दरभंगा, सीतामढ़ी, मधुबनी, पटना और भागलपुर जैसे जिलों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर जा सकती हैं।

छत्तीसगढ़

महानदी नदी के ऊपरी कैचमेंट क्षेत्र में भारी वर्षा की संभावना है। इससे रायपुर, धमतरी, जशपुर और बिलासपुर जैसे जिलों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है।

गुजरात

3 से 6 सितंबर तक गुजरात और सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।

महाराष्ट्र और गोवा

यहां अगले 7 दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। मुंबई और गोवा में जनजीवन प्रभावित हो सकता है।

हिमाचल प्रदेश

3 सितंबर तक राज्य के दक्षिणी हिस्सों में भारी वर्षा और भूस्खलन का खतरा है।


बारिश का असर किसानों और अर्थव्यवस्था पर

भारत की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है। सितंबर की बारिश से खरीफ की फसलों पर सीधा असर पड़ेगा।

  • सकारात्मक असर: जिन इलाकों में समय पर और संतुलित वर्षा होगी, वहां धान, मक्का और दालों की पैदावार बेहतर होगी।
  • नकारात्मक असर: जहां बाढ़ या अत्यधिक वर्षा होगी, वहां फसलें नष्ट हो सकती हैं। किसान भारी आर्थिक संकट में पड़ सकते हैं।

इसके अलावा, लगातार बारिश और बाढ़ से सड़कें, पुल और बुनियादी ढांचे को भी नुकसान होगा। पर्यटन उद्योग खासकर हिमाचल और उत्तराखंड जैसे राज्यों में बुरी तरह प्रभावित होगा।


लोगों के लिए सतर्कता और तैयारी

मौसम विभाग ने राज्यों और नागरिकों को अलर्ट रहने की सलाह दी है।

  • नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सावधान रहना चाहिए।
  • पहाड़ी इलाकों में यात्रा से बचना चाहिए।
  • आपदा प्रबंधन टीमें सक्रिय रहें और समय रहते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।

निष्कर्ष

अगस्त 2025 ने भारत को यह एहसास दिलाया कि प्राकृतिक आपदाओं के सामने इंसान कितना असहाय है। बाढ़ और भारी बारिश ने लाखों लोगों की जिंदगी को प्रभावित किया। अब सितंबर 2025 भी औसतन अधिक वर्षा के संकेत दे रहा है। हालांकि, कुछ राज्यों को राहत मिलेगी, लेकिन कई राज्यों में हालात और बिगड़ सकते हैं।

इसलिए जरूरी है कि सरकार, प्रशासन और आम लोग मिलकर सतर्कता बरतें और आपदा प्रबंधन के सभी उपाय पहले से तैयार रखें। केवल समय पर सतर्कता ही इस आपदा से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।


FAQs

Q1. अगस्त 2025 में सबसे ज्यादा बारिश कहां हुई?
उत्तर-पश्चिम भारत, खासकर पंजाब, हिमाचल और उत्तराखंड में।

Q2. सितंबर 2025 में किन राज्यों में बाढ़ का खतरा है?
उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और गुजरात।

Q3. क्या पूरे भारत में ज्यादा बारिश होगी?
नहीं, पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में कम बारिश होगी।

Q4. किसानों पर इसका क्या असर होगा?
खड़ी फसलें बर्बाद हो सकती हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होगा।

Q5. लोगों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
नदियों के किनारे न जाएं, मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

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