उत्तर प्रदेश में फिर करवट लेगा मानसून, 27 अगस्त से 29 अगस्त तक छिटपुट बारिश – 30 अगस्त से लखनऊ व पश्चिमी यूपी में झमाझम बारिश तय | आज का मौसम अपडेट
उत्तर प्रदेश में मानसून का रुख एक बार फिर बदलने वाला है। लंबे समय से लोग झमाझम बारिश का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अब मौसम विभाग ने राहत की खबर दी है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 30 अगस्त के बाद पूरे प्रदेश में बारिश का नया दौर शुरू होगा। इस दौरान लखनऊ समेत कई बड़े जिलों में मध्यम से भारी वर्षा होने के आसार हैं। वहीं 27 अगस्त से 29 अगस्त तक प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश का दौर जारी रहेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में प्रदेश में कोई सक्रिय मौसमी तंत्र मौजूद नहीं है, जिसके चलते छिटपुट बारिश देखने को मिल रही है। हालांकि बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी और मानसून द्रोणी की स्थिति बदलने से 30 अगस्त के बाद फिर से तेज वर्षा की संभावना प्रबल हो गई है। यह बदलाव किसानों और आम जनता दोनों के लिए राहत लेकर आएगा, क्योंकि बारिश से फसलें भी तरोताजा होंगी और गर्मी व उमस से भी निजात मिलेगी।
यूपी में मानसून की मौजूदा स्थिति
उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मौसम अपेक्षाकृत शुष्क बना हुआ है। कुछ जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें जरूर पड़ीं, लेकिन अधिकांश हिस्सों में बारिश का असर देखने को नहीं मिला। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इसका मुख्य कारण निम्न दबाव क्षेत्र का कमजोर होना और उसका राजस्थान की ओर खिसक जाना है। इस वजह से उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्से में सक्रिय बारिश रुक गई है।
साथ ही बंगाल की खाड़ी पर बना नया निम्न दबाव क्षेत्र भी पूरी तरह सक्रिय नहीं हो पाया है। हालांकि वहां से आ रही नमी के चलते उत्तराखंड से सटे जिलों में छिटपुट बारिश हो रही है। लखनऊ स्थित मौसम विभाग ने एक्स (Twitter) पर जारी पूर्वानुमान में साफ कर दिया है कि 27 अगस्त से 29 अगस्त तक प्रदेश के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिलेगी।
कहाँ होगी भारी बारिश?
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि बुधवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गरज-चमक और बिजली गिरने के साथ भारी बारिश हो सकती है। गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, हापुड़, गाज़ियाबाद और बागपत जैसे जिलों में मध्यम से भारी वर्षा के आसार हैं। वहीं अलीगढ़, बदायूं, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर जैसे जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना जताई गई है।
इस दौरान लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि गरज-चमक और बिजली गिरने की घटनाएं जीवन और संपत्ति दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। ग्रामीण इलाकों में खेतों में काम करने वाले किसानों को सलाह दी गई है कि बिजली कड़कने के समय खुले में काम करने से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
30 अगस्त से होगा मौसम का बड़ा बदलाव
मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए.के. सिंह ने बताया कि 30 अगस्त से उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल सकता है। बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाएं और मानसून द्रोणी की स्थिति अनुकूल होने से प्रदेश के सभी हिस्सों में बारिश की गतिविधियां तेज हो जाएंगी। लखनऊ समेत मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी इस दौरान अच्छी बारिश देखने को मिलेगी।
यह बारिश फसलों के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होगी। धान, गन्ना और दलहनी फसलों को पर्याप्त पानी मिलेगा, जिससे पैदावार में बढ़ोतरी की उम्मीद है। वहीं जिन किसानों ने देर से बोआई की है, उनके लिए भी यह बारिश वरदान साबित होगी।
मानसून द्रोणी और उसका प्रभाव
मानसून द्रोणी दरअसल निम्न वायुदाब की एक लंबी पट्टी होती है, जो मानसूनी हवाओं के प्रवाह को नियंत्रित करती है। जब यह द्रोणी अपनी सामान्य स्थिति पर रहती है तो गंगा के मैदानी जिलों में अच्छी बारिश होती है। लेकिन जब यह उत्तर की ओर खिसक जाती है तो मैदानों में बारिश घट जाती है और तराई क्षेत्रों में वर्षा बढ़ जाती है।
फिलहाल मानसून द्रोणी की स्थिति सामान्य नहीं है, लेकिन 30 अगस्त से यह फिर से सक्रिय होकर उत्तर प्रदेश में झमाझम बारिश कराएगी। यही कारण है कि मौसम विभाग ने सितंबर की शुरुआत में भारी वर्षा की चेतावनी दी है।
किसानों और आम जनता पर असर
बारिश का असर सीधे तौर पर किसानों और आम जनता पर पड़ता है। किसानों के लिए यह बारिश फसल बचाने वाली साबित होगी, जबकि आम लोगों को उमस और गर्मी से राहत मिलेगी। शहरी इलाकों में जलभराव की समस्या भी सामने आ सकती है, इसलिए नगर निगमों को पहले से तैयारी करनी होगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या भी काफी हद तक दूर होगी। वहीं नमी बढ़ने से सब्जियों और हरे चारे की पैदावार में सुधार आएगा। हालांकि, अत्यधिक वर्षा से कुछ जगहों पर नुकसान भी हो सकता है, इसलिए संतुलित बारिश सबसे अधिक लाभदायक मानी जाती है।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में 30 अगस्त के बाद मानसून एक बार फिर सक्रिय होने जा रहा है। आने वाले दिनों में अधिकांश जिलों में मध्यम से भारी बारिश होगी। यह बारिश जहां किसानों को राहत देगी, वहीं आम जनता को भी उमस और गर्मी से छुटकारा दिलाएगी। हालांकि गरज-चमक और बिजली गिरने जैसी घटनाओं को लेकर सावधानी बरतना जरूरी है। कुल मिलाकर, सितंबर की शुरुआत उत्तर प्रदेश के लिए अच्छी बारिश और राहत लेकर आएगी।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्रश्न 1: यूपी में भारी बारिश कब होगी?
उत्तर: मौसम विभाग के अनुसार 30 अगस्त से पूरे उत्तर प्रदेश में झमाझम बारिश होने के आसार हैं।
प्रश्न 2: किन जिलों में सबसे ज्यादा बारिश होगी?
उत्तर: पश्चिमी यूपी के जिलों जैसे गौतम बुद्ध नगर, गाज़ियाबाद, मेरठ, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर में भारी बारिश की संभावना है।
प्रश्न 3: किसानों के लिए यह बारिश कितनी फायदेमंद होगी?
उत्तर: यह बारिश धान, गन्ना और दलहनी फसलों के लिए बेहद लाभकारी होगी। साथ ही देर से बोआई करने वाले किसानों को भी फायदा होगा।
प्रश्न 4: मानसून द्रोणी क्या है?
उत्तर: मानसून द्रोणी निम्न वायुदाब की एक लंबी पट्टी होती है, जो हवाओं के प्रवाह को नियंत्रित करती है और भारी वर्षा का कारण बनती है।