UP Weather Update आज का मौसम 14 जुलाई 2025: वाराणसी में गंगा उफान पर, प्रयागराज में घाट डूबे, बांदा-फर्रुखाबाद में खतरे के निशान पार!
उत्तर प्रदेश में पिछले दो दिनों से मूसलाधार बारिश 🌧️ ने कहर बरपा रखा है। प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं और बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। हालात इतने गंभीर हैं कि वाराणसी जैसे शहर में अंतिम संस्कार भी अब घाटों की बजाय छतों पर किया जा रहा है। वहीं, वज्रपात ⚡ से अब तक 8 लोगों की जान जा चुकी है।
बांदा और फर्रुखाबाद में खतरे के निशान से ऊपर नदियां 🌊
बांदा जिले में केन नदी 104.80 मीटर पर बह रही है, जो खतरे के निशान 104 मीटर को पार कर चुकी है। इससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी भर गया है और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं, फर्रुखाबाद में गंगा नदी चेतावनी बिंदु 136.60 मीटर तक पहुंच गई है, जिससे तटीय इलाकों में दहशत का माहौल है।
वाराणसी: गंगा की लहरों ने छीन ली अंतिम विदाई की परंपरा 🕉️
वाराणसी में गंगा का जलस्तर इतनी तेजी से बढ़ा है कि मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट की सीढ़ियां डूब गई हैं। इस कारण अब शवदाह की प्रक्रिया छतों पर की जा रही है, जो कि पहली बार देखा जा रहा है। गंगा के साथ वरुणा नदी में भी पलट प्रवाह से शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया है, जिससे सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है।
प्रयागराज में संकट और गहराया 🌊⚠️
प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियों के जलस्तर में तेज़ी से बढ़ोतरी देखी गई है। केवल 20 घंटे में गंगा का जलस्तर 1.99 मीटर और यमुना का 92 सेंटीमीटर बढ़ा है। इससे संगम नोज, दशाश्वमेध घाट, किला घाट, कालीघाट और अन्य धार्मिक स्थल जलमग्न हो गए हैं। रामघाट व त्रिवेणी मार्ग जैसे स्थानों पर दुकानदारों और तीर्थ पुरोहितों को घाट खाली करना पड़ा है।
प्रशासन ने यहां 87 बाढ़ शरणालय बना दिए हैं, ताकि प्रभावित लोगों को राहत दी जा सके।
वज्रपात ने ली 8 जानें ⚡😢
बारिश के साथ-साथ वज्रपात ने भी कहर ढाया है। जौनपुर, रायबरेली, गोरखपुर, कुशीनगर, कानपुर देहात, चंदौली और आजमगढ़ में वज्रपात की घटनाओं में 8 लोगों की जान चली गई। वहीं, सुल्तानपुर में 13 और कासगंज में 7 लोग झुलस गए हैं। चित्रकूट में मंदाकिनी नदी में डूबे तीन लोगों के शव मिले हैं, जबकि बांदा में भी एक व्यक्ति की डूबने से मौत हुई है।
सारनाथ में बुद्ध प्रतिमा को नुकसान 😞🗿
वज्रपात की एक और बड़ी घटना वाराणसी के सारनाथ में घटी, जहां थाई बौद्ध विहार की 80 फीट ऊंची बुद्ध प्रतिमा को नुकसान पहुंचा। प्रतिमा के सिर का हिस्सा टूट गया है, जिससे पर्यटकों के लिए वहां जाना रोक दिया गया है। यह प्रतिमा गंधार शैली में चुनार के बलुआ पत्थर से बनी थी।
बुंदेलखंड में भी बाढ़ जैसे हालात 🚨
बुंदेलखंड के बांदा, उरई, हमीरपुर, और कन्नौज जिलों में नदियां लगातार उफान पर हैं। उरई में बेतवा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, जबकि हमीरपुर में यमुना और बेतवा दोनों ही नदियां खतरे के निशान को पार करने के करीब हैं। उन्नाव में गंगा का जलस्तर 15 सेंटीमीटर बढ़कर 110.770 मीटर तक पहुंच गया है, जो चिंता का विषय है।
प्रशासन सतर्क, लेकिन चुनौती बड़ी 🏢🚧
हालात बिगड़ते देख प्रशासन सतर्क हो गया है और कई जिलों में एनडीआरएफ की टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। बाढ़ शरणालय, राहत सामग्री और नावों की व्यवस्था की जा रही है। हालांकि, लगातार हो रही बारिश और जलस्तर में बढ़ोतरी से राहत कार्यों में बाधाएं भी आ रही हैं।
📌 FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक प्रभावित जिले कौन से हैं?
👉 वाराणसी, प्रयागराज, बांदा, हमीरपुर, गाजीपुर, बलिया, मीरजापुर और कन्नौज सबसे अधिक प्रभावित हैं।
Q2. क्या गंगा का जलस्तर अभी और बढ़ सकता है?
👉 मौसम विभाग के अनुसार, बारिश जारी रही तो जलस्तर में और वृद्धि संभव है।
Q3. शवदाह छत पर क्यों किया जा रहा है?
👉 गंगा का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि घाटों की सीढ़ियां डूब चुकी हैं, इसलिए मजबूरी में छतों का सहारा लिया जा रहा है।
Q4. क्या प्रशासन ने कोई राहत योजना शुरू की है?
👉 हां, प्रभावित इलाकों में शरणालय बनाए गए हैं और राहत सामग्री वितरित की जा रही है।
✅ निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश इस समय प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। मूसलाधार बारिश और वज्रपात ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और बाढ़ की आशंका गहराती जा रही है। प्रशासन अपनी ओर से पूरी तैयारी में जुटा है, लेकिन जनता को भी सतर्क और सुरक्षित रहने की आवश्यकता है। इस विकट समय में हर किसी को एकजुट होकर सहयोग करना होगा।