देहरादून, टिहरी, हरिद्वार आज का मौसम 20 सितंबर 2025: उत्तराखंड में 70% ज्यादा बारिश, अगले 2 दिनों तक जानें कैसा रहेगा मौसम
उत्तराखंड का मौसम इस समय अपने चरम पर है। 🌧️ 20 सितंबर 2025 को देहरादून, टिहरी, हरिद्वार और आसपास के इलाकों में भारी बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है, जिससे साफ है कि बारिश का दौर अभी थमने वाला नहीं है। बीते 19 दिनों में उत्तराखंड में सामान्य से 70% अधिक बारिश दर्ज की गई है। सिर्फ देहरादून की बात करें तो यहां 446.5 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 160% ज्यादा है। लगातार हो रही बारिश से लोग त्रस्त हैं और आपदा की स्थिति ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस मौसम अपडेट में हम विस्तार से जानेंगे कि बारिश ने किन जिलों में सबसे ज्यादा असर डाला है, क्या है वैज्ञानिकों की राय और इस प्राकृतिक आपदा से जनता किस तरह जूझ रही है।
उत्तराखंड मौसम अलर्ट 20 सितंबर 2025 🌧️⚠️
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने चेतावनी दी है कि आज कई जिलों में तेज बारिश हो सकती है।
- देहरादून, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार में येलो अलर्ट जारी है।
- अन्य पहाड़ी जिलों जैसे बागेश्वर और नैनीताल में भी बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
- अब तक जितनी बारिश मॉनसून में होती है, उससे कहीं ज्यादा पानी सिर्फ 19 दिनों में बरस चुका है।
देहरादून में सबसे ज्यादा तबाही
देहरादून इस समय बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित है।
- 1 से 19 सितंबर तक 446.5 मिमी बारिश हुई है।
- सहस्त्रधारा इलाके में एक ही दिन में 264 मिमी बारिश दर्ज की गई।
- नतीजा यह हुआ कि शहर के निचले हिस्सों में पानी भर गया और कई जगह भूस्खलन ने तबाही मचाई।
मॉनसून की विदाई पर संशय 🌦️
आम तौर पर सितंबर के अंत तक मॉनसून विदा हो जाता है। लेकिन इस बार बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
- मौसम विभाग का कहना है कि अभी मॉनसून की विदाई में समय लगेगा।
- लगातार बारिश से लोग परेशान हैं और अब राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
आपदा का मानवीय असर 🆘
देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में बारिश से भारी तबाही हुई है।
- अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है।
- 10 लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश में SDRF और NDRF की टीमें लगी हुई हैं।
- ग्रामीण इलाकों में घर और सड़कें टूट गई हैं, जिससे आवागमन ठप है।
स्वास्थ्य संकट का खतरा 🦠
भारी बारिश और आपदा के बाद अब स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां सामने आ रही हैं।
- मलबे में दबे पशुओं के शव वायरस फैलाने लगे हैं।
- गंदगी और दूषित पानी से लोगों में बुखार, सिरदर्द और पेट दर्द की समस्याएं तेजी से फैल रही हैं।
- चिकित्सकों का मानना है कि यह संक्रमण किडनी, फेफड़ों और ब्रेन तक को प्रभावित कर सकता है।
बागेश्वर और अन्य जिलों की स्थिति
बागेश्वर जिले में भी बारिश ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। यहां लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं।
- कई गांवों का संपर्क टूटा हुआ है।
- पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन से मकान और खेत प्रभावित हुए हैं।
लोगों की परेशानियां और प्रशासन की चुनौतियां
लगातार हो रही बारिश से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
- बच्चों के स्कूल बंद पड़े हैं।
- ग्रामीण इलाकों में बिजली और पानी की सप्लाई बाधित है।
- प्रशासन के लिए राहत और बचाव कार्य बड़ी चुनौती बन गया है।
मौसम वैज्ञानिकों की राय 🌍
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बार मॉनसून का पैटर्न बदला है।
- जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश असामान्य रूप से बढ़ गई है।
- भविष्य में इस तरह की आपदाओं की संभावना और बढ़ सकती है।
जनता की उम्मीदें और इंतजार
लोग अब सिर्फ एक चीज का इंतजार कर रहे हैं – मॉनसून की विदाई।
- लगातार बारिश से जनजीवन ठहर गया है।
- लोग उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में मौसम साफ होगा और राहत की सांस मिलेगी।
निष्कर्ष
उत्तराखंड का मौसम 20 सितंबर 2025 ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पहाड़ों में बारिश कभी भी आपदा का रूप ले सकती है। 🌧️⚠️ देहरादून, टिहरी और हरिद्वार जैसे जिलों में जारी येलो अलर्ट इस बात की चेतावनी है कि हालात और बिगड़ सकते हैं। प्रशासन को सतर्क रहना होगा और लोगों को स्वास्थ्य एवं सुरक्षा संबंधी सावधानियां बरतनी होंगी।
FAQs ❓
प्रश्न 1. उत्तराखंड में 20 सितंबर 2025 को किस जिलों में अलर्ट जारी हुआ है?
उत्तर: देहरादून, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
प्रश्न 2. देहरादून में कितनी बारिश दर्ज की गई है?
उत्तर: 1 से 19 सितंबर तक देहरादून में 446.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
प्रश्न 3. अब तक बारिश से कितने लोगों की मौत हुई है?
उत्तर: देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है।
प्रश्न 4. स्वास्थ्य संकट क्यों बढ़ रहा है?
उत्तर: मलबे में दबे पशुओं के शव और दूषित पानी से संक्रमण फैल रहा है।
प्रश्न 5. मॉनसून की विदाई कब होगी?
उत्तर: मौसम विभाग के अनुसार, अभी मॉनसून विदा होने में समय लगेगा।