मौसम का बड़ा धमाका! बंगाल की खाड़ी से उठे तूफान ने बढ़ाई चिंता, इन राज्यों में भारी बारिश और दिल्ली-NCR में मास्क पहनना हुआ ज़रूरी
भारत में मौसम का मिजाज इन दिनों तेजी से बदल रहा है। बंगाल की खाड़ी में उठ रहे चक्रवातीय तूफान ने दक्षिण भारत के कई राज्यों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा में अगले कुछ दिनों तक भारी से अति भारी बारिश देखने को मिल सकती है। वहीं, देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना हुआ है, जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि दिल्लीवासी घर से बाहर निकलते समय मास्क और चश्मा पहनें ताकि जहरीली हवा और धूल से बचा जा सके। इस बीच, बंगाल की खाड़ी में बनने वाला यह साइक्लोन दक्षिणी राज्यों के तटीय इलाकों में तबाही मचा सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से कि देश के किन-किन इलाकों में मौसम का ये कहर देखने को मिलेगा।
बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन की आहट
मौसम विभाग (IMD) ने जानकारी दी है कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जो धीरे-धीरे एक साइक्लोन में तब्दील हो सकता है। यह चक्रवात चेन्नई के पास दक्षिणी बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रणाली के कारण तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भारी वर्षा हो सकती है।
मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। समुद्र में ऊंची लहरों के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना है, जिससे समुद्री गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं।
दक्षिण भारत में रेड अलर्ट जारी
तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
चेन्नई, कोयंबटूर, मदुरै, थिरुवनंतपुरम और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों में स्कूल और कॉलेजों को एहतियातन बंद कर दिया गया है। तटीय इलाकों में प्रशासन ने राहत और बचाव दलों को सतर्क मोड पर रखा है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित
मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिण भारत के कई हिस्सों में अगले 48 घंटों के दौरान मूसलाधार बारिश जारी रहेगी।
- तमिलनाडु में कई निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है।
- केरल में बिजली गिरने और पेड़ गिरने की घटनाओं की संभावना जताई गई है।
- कर्नाटक के तटीय इलाकों में तेज हवाओं के कारण यातायात प्रभावित हो सकता है।
पश्चिमी भारत में भी बारिश का असर
केवल दक्षिण भारत ही नहीं, बल्कि पश्चिमी भारत के राज्यों महाराष्ट्र और गुजरात में भी बारिश की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग के अनुसार —
- 24 अक्टूबर को कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होगी।
- 25 और 26 अक्टूबर को सौराष्ट्र और कच्छ में भारी बारिश की संभावना है।
- साथ ही, इन इलाकों में बिजली गिरने और गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं।
दिल्ली-NCR में प्रदूषण का कहर
दूसरी ओर, उत्तर भारत में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में दिवाली के बाद हवा जहरीली बनी हुई है।
मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली का AQI (Air Quality Index) 343 दर्ज किया गया है, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। यह स्थिति पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ी बेहतर जरूर है, लेकिन अभी भी सामान्य से काफी ज्यादा खतरनाक है।
मास्क और चश्मा पहनने की सलाह
दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को मौसम विभाग ने सलाह दी है कि वे बाहर निकलते समय मास्क और चश्मे का प्रयोग करें।
धूल और धुंध की परत के कारण आंखों और गले में जलन की समस्या बढ़ सकती है।
बच्चों और बुजुर्गों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है, जबकि सुबह-सुबह की सैर या आउटडोर गतिविधियों से परहेज करने को कहा गया है।
धुंध और धूल ने बढ़ाई गर्मी और उमस
दिल्ली में इन दिनों दिन का तापमान करीब 32°C और रात का तापमान लगभग 24°C के आसपास दर्ज किया जा रहा है।
धुंध और धूल की वजह से सूरज की किरणें धरती तक पूरी तरह नहीं पहुंच पा रही हैं, जिससे उमस बढ़ रही है।
इस स्थिति में सांस लेने में कठिनाई, सिरदर्द और थकान जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं।
मौसम विभाग की दी गई विशेष सलाह
IMD ने लोगों को अलर्ट करते हुए कहा है कि —
- भारी बारिश वाले क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचें।
- समुद्र किनारे के इलाकों में जाने से परहेज करें।
- प्रदूषण प्रभावित क्षेत्रों में मास्क पहनकर ही बाहर निकलें।
- बारिश और धूल के संपर्क में आने से बचने के लिए छाता या फेस शील्ड का उपयोग करें।
आने वाले दिनों का मौसम पूर्वानुमान
IMD के पूर्वानुमान के अनुसार —
- अगले 5 दिनों तक दक्षिण और पश्चिम भारत में बारिश जारी रहेगी।
- उत्तर भारत में प्रदूषण के कारण मौसम शुष्क बना रहेगा।
- 27 अक्टूबर के बाद चक्रवात की तीव्रता धीरे-धीरे कम होने की संभावना है।
- नवंबर के पहले सप्ताह में सर्दी की शुरुआत हो सकती है।
साइक्लोन से संभावित खतरे
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि यह साइक्लोन तटीय इलाकों में बिजली गिरने, पेड़ गिरने और बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर सकता है।
अगर हवा की गति 90 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ती है, तो यह तूफान जान-माल के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
इसलिए, प्रशासन ने सभी मछुआरों, तटीय निवासियों और पर्यटकों से समुद्र तटों से दूर रहने की अपील की है।
सरकारी तैयारी और राहत व्यवस्था
राज्य सरकारों ने संभावित आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें तैनात कर दी हैं।
रेस्क्यू बोट्स, खाद्य सामग्री और मेडिकल टीमों को तैयार रखा गया है।
चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मैंगलोर और विशाखापट्टनम जैसे इलाकों में राहत कैंप खोले गए हैं।
निष्कर्ष
देश के कई हिस्सों में मौसम ने कहर बरपा रखा है —
जहां दक्षिण और पश्चिम भारत भारी बारिश से जूझ रहे हैं, वहीं उत्तर भारत प्रदूषण की गिरफ्त में है।
बंगाल की खाड़ी में बन रहे साइक्लोन पर नजर बनाए रखना जरूरी है ताकि किसी भी आपदा से पहले सतर्कता बरती जा सके।
लोगों को सलाह है कि मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों का पालन करें और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. क्या बंगाल की खाड़ी में बनने वाला साइक्लोन भारत के तटीय इलाकों को प्रभावित करेगा?
हाँ, मौसम विभाग के अनुसार यह साइक्लोन तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश और केरल के तटीय क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है। तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश की संभावना बनी हुई है।
2. क्या दिल्ली की हवा में सुधार की संभावना है?
फिलहाल नहीं। दिल्ली का AQI 300 के पार बना हुआ है। सुधार तभी संभव है जब उत्तर भारत में तेज हवाएं चलें या बारिश हो जाए जिससे प्रदूषण के कण नीचे बैठ सकें।
3. किन राज्यों में रेड अलर्ट जारी किया गया है?
तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। इन राज्यों में प्रशासन ने आपात सेवाओं को सतर्क कर दिया है।
4. प्रदूषण से बचने के लिए क्या करें?
घर से बाहर निकलते समय मास्क और चश्मा पहनें, प्रदूषण वाले इलाकों से दूरी बनाए रखें और पर्याप्त पानी पिएं ताकि शरीर में ऑक्सीजन स्तर संतुलित रहे।
5. क्या इस साइक्लोन का असर आने वाले दिनों में उत्तर भारत में भी दिखेगा?
संभावना कम है। यह चक्रवात मुख्य रूप से दक्षिण और पश्चिम भारत को प्रभावित करेगा, लेकिन इसके अप्रत्यक्ष प्रभाव से तापमान और नमी में बदलाव देखा जा सकता है।
