झारखंड के रांची, गढ़वा, धनबाद में आज 11 अप्रैल का मौसम बना आफत, 10 अप्रैल 2025 को हुई तेज बारिश और वज्रपात से जनजीवन अस्त-व्यस्त 🌪⚡
झारखंड में मौसम ने इस बार कहर ढा दिया है। गुरुवार को रांची समेत राज्य के कई हिस्सों में तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि 🌨 ने पूरे जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। दोपहर से लेकर शाम तक चली आंधी और भारी बारिश के चलते सड़कों पर पानी भर गया, खेतों में बर्फ जैसी सफेद चादर बिछ गई और तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई।
⚡ वज्रपात से गईं जानें, कई घायल
राज्य में अलग-अलग जिलों से वज्रपात ⚡ की खबरें आई हैं। हजारीबाग जिले के पदमा में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि चुरचू में एक युवक की जान चली गई। इसके अलावा गुमला जिले में भी एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। कुछ लोग गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
🌪 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं हवाएं
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को झारखंड के कई जिलों में 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। इस दौरान कई पेड़ 🌳 उखड़ गए और सड़कों पर गिरने से आवागमन बाधित हो गया। खासतौर पर संताल क्षेत्र में कई जगहों पर सड़कें अवरुद्ध हो गईं।

🌧 बारिश से कई जिलों में बिजली आपूर्ति ठप
धनबाद, सिंदरी, चासनाला, झरिया जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश और पेड़ों के बिजली तारों पर गिरने से बिजली आपूर्ति प्रभावित ⚡ हुई। कई जगहों पर तार टूट गए जिससे घंटों बिजली गुल रही।
🥶 तापमान में जबरदस्त गिरावट, गर्मी से राहत
इस असामान्य मौसम के चलते तापमान में भारी गिरावट आई है। राजधानी रांची में तापमान आठ डिग्री तक लुढ़क गया और 31.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कई जिलों में अधिकतम तापमान सामान्य से 4-8 डिग्री कम रहा जिससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत 🌬 मिली है।
📉 अगले 24 घंटे के लिए ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट ⚠️ जारी किया है। अगले 24 घंटों में फिर से ओलावृष्टि, बारिश और तेज हवाओं की संभावना है। इस दौरान वज्रपात की घटनाएं भी हो सकती हैं।
🌾 ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान
ओलावृष्टि का सबसे अधिक प्रभाव किसानों पर पड़ा है। हजारीबाग, गढ़वा, धनबाद, रामगढ़, लोहरदगा और बोकारो जिलों में रबी की फसलें जैसे गेहूं 🌾, चना, मटर, सरसों और तेलहन की फसलें बर्बाद हो गईं हैं।
🍅 सब्जियों और फलों को भी नुकसान
खेतों में टमाटर 🍅, बैगन, गोभी, कद्दू, करैला, नेनुआ, झिंगनी और सेम जैसी सब्जियां पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। इसके अलावा आम 🥭 और लीची की फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। तेज हवा के चलते पेड़ों से फल झड़ गए हैं।
📊 जिलावार वर्षा का आंकड़ा
जिला | वर्षा (मिमी) 🌧 |
---|---|
मेदिनीनगर | 35.8 |
रामगढ़ | 31.5 |
गुमला | 14.0 |
हजारीबाग | 11.0 |
रांची | 7.6 |
बोकारो | 5.0 |
गिरिडीह | 5.0 |
गढ़वा | 4.5 |
पश्चिमी सिंहभूम | 2.0 |
🛑 यातायात और जनजीवन पर असर
पेड़ों के गिरने से कई सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रही 🚧। संताल परगना क्षेत्र में आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई। स्कूलों और दफ्तरों में उपस्थिति भी कम रही क्योंकि लोग घरों से निकलने से कतरा रहे थे।
📅 आगे क्या कहता है मौसम विभाग?
मौसम विभाग के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के अनुसार, राज्य में फिलहाल राहत की कोई उम्मीद नहीं है। अगले कुछ दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश 🌧 और गरज के साथ ओलावृष्टि की संभावना बनी रहेगी। हालांकि शनिवार से तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी संभव है।
❓ FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. झारखंड में कब तक रहेगा खराब मौसम?
👉 मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में फिर से तेज बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। शनिवार से स्थिति थोड़ी सामान्य होने की संभावना है।
Q2. किस जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है?
👉 हजारीबाग, धनबाद, गढ़वा, बोकारो और रामगढ़ में जनहानि और फसलों का भारी नुकसान हुआ है।
Q3. क्या तापमान में और गिरावट हो सकती है?
👉 हां, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में तापमान और गिरने की आशंका जताई है।
Q4. ओलावृष्टि से कौन-कौन सी फसलें प्रभावित हुईं?
👉 गेहूं, चना, मटर, सरसों, आम, लीची और विभिन्न सब्जियां पूरी तरह प्रभावित हुई हैं।
Q5. बिजली आपूर्ति कब तक सामान्य होगी?
👉 टूटे तारों और पेड़ों के हटाए जाने के बाद बिजली व्यवस्था बहाल की जा रही है, लेकिन इसमें समय लग सकता है।
🔚 निष्कर्ष
झारखंड में इस बार मौसम ने एक बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर लोगों को गर्मी से राहत मिली, वहीं दूसरी ओर फसलों का नुकसान और जानमाल की हानि ने हालात गंभीर बना दिए हैं। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि किसानों की भरपाई के लिए राहत कार्य तेज़ी से शुरू करें और जनता को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।