बिहार में बदलने वाला है मौसम: किसानों के लिए खुशखबरी! बारिश से गेहूं और आम की फसल को मिलेगा बड़ा फायदा
बिहार में मौसम एक बार फिर करवट लेने वाला है। मौसम विभाग की मानें तो 28 फरवरी से दक्षिणी भागों में हल्की बारिश हो सकती है, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। लोगों को इस दौरान सतर्क रहने की सलाह दी गई है। वहीं, पटना का न्यूनतम तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ 16.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पूसा, समस्तीपुर में सबसे कम न्यूनतम तापमान 11.8 डिग्री सेल्सियस रहा।
उत्तर बिहार में वर्षा का असर, तापमान में गिरावट
पिछले 24 घंटों में बिहार के उत्तरी भागों में हुई वर्षा के चलते तापमान में गिरावट देखी गई है। अधिकतम तापमान में 1 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई, जबकि पटना समेत कई जिलों में न्यूनतम तापमान में भी कमी दर्ज की गई। राज्य में न्यूनतम तापमान 11.8 से 18.3 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। बीते 24 घंटे में सुपौल के भीमनगर में 22.4 मिमी और बीरपुर में 8.4 मिमी वर्षा हुई।

28 फरवरी से 1 मार्च तक होगी बारिश
मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के अनुसार, पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्र, दक्षिण छत्तीसगढ़ और ओडिशा के आसपास चक्रवाती परिसंचरण का क्षेत्र बना हुआ है। इसके प्रभाव से बिहार के तराई इलाकों में बादल छाए रहने की संभावना है। इससे प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है।
इन 8 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी
28 फरवरी से 1 मार्च के बीच पटना, गया, मुंगेर, भागलपुर, गोपालगंज, नालंदा, नवादा सहित दक्षिणी बिहार के कुछ इलाकों में हल्की बारिश होने के आसार हैं। जबकि अन्य जिलों में मौसम सामान्य रहने की संभावना है।
सोमवार को कैसा रहा मौसम?
सोमवार को पटना का अधिकतम तापमान 28.0 डिग्री सेल्सियस, जबकि शेखपुरा में 29.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह के समय हल्की धुंध रही, लेकिन दिन में धूप निकलने से मौसम सामान्य बना रहा। हालांकि, आर्द्रता अधिक रहने के कारण वातावरण में नमी बनी रही। पटना समेत 20 जिलों में अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
बारिश से किसानों को राहत, गेहूं और आम की फसल को लाभ
रविवार सुबह बांका जिले के कुछ हिस्सों में हुई वर्षा ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी। यह बारिश गेहूं, मक्का, सरसों और आम की फसल के लिए काफी लाभकारी साबित होगी। हालांकि, दलहन फसलों, विशेष रूप से चना, को हल्की क्षति होने की संभावना है।
फरवरी के पहले सप्ताह में बढ़ते तापमान से गेहूं की फसल प्रभावित हो रही थी, जिससे किसानों में चिंता थी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार दिसंबर और जनवरी में बारिश न होने के कारण तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई। लेकिन अब बदले मौसम से फसलों को संजीवनी मिली है।
किसानों के लिए बारिश बनी वरदान
क्षेत्र में लगभग एक हजार हेक्टेयर में आम के पेड़ लगे हैं, जिनमें मंजर आ चुके हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह बारिश आम के लिए वरदान साबित होगी। इससे आम के मंजर में लगने वाले कीटों के प्रकोप में कमी आएगी और किसानों को महंगे कीटनाशकों पर खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
किसान संजीव मिश्रा, मंटू हरिजन और रामू हरिजन ने बताया कि इस बारिश से सिंचाई का खर्च भी बच गया है। हालांकि, उर्वरकों की कालाबाजारी के कारण किसानों को 267 रुपये की यूरिया की बोरी 300 से 400 रुपये तक खरीदनी पड़ी। बीएओ विनय कुमार पाठक के अनुसार, क्षेत्र के कुछ पंचायतों में अच्छी वर्षा हुई है, जिससे गेहूं, मक्का, सरसों और आम की फसल को फायदा होगा और इस साल उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
बिहार में मौसम फिर से करवट लेने वाला है और 28 फरवरी से 1 मार्च के बीच बारिश की संभावना है। दक्षिणी जिलों में बारिश का असर ज्यादा देखने को मिलेगा। किसानों के लिए यह बारिश लाभकारी होगी, जिससे उनकी फसलों को फायदा होगा और पैदावार में वृद्धि होने की संभावना है। आम जनजीवन पर भी इस बदलाव का असर पड़ेगा, इसलिए मौसम विभाग की सलाह को ध्यान में रखते हुए आवश्यक तैयारियां करें।