कल का मौसम 2 जून: बिहार के मुजफ्फरपुर, नालंदा और सीतामढ़ी में भारी बारिश का रेड अलर्ट, मौसम विभाग की चेतावनी जरूर पढ़ें ☔🌩️
बिहार में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। एक ओर जहां कुछ जिलों में लोगों को तेज गर्मी और उमस से जूझना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर कई इलाकों में प्री-मानसून बारिश 🌧️ की दस्तक ने राहत की सांस दी है। पटना मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। आइए जानते हैं किन-किन जिलों में बारिश होगी और कैसा रहेगा तापमान का हाल।
🌦️ बिहार में क्यों बन रही है बारिश और गर्मी की दोहरी स्थिति?
बिहार में इस समय वायुमंडलीय असंतुलन का प्रभाव दिख रहा है। राज्य के उत्तर और पूर्वी हिस्सों में बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमीयुक्त पूर्वी हवाएं 🌬️ सक्रिय हो चुकी हैं, जिससे बादल बन रहे हैं और वज्रपात के साथ बारिश हो रही है। वहीं, दक्षिण और पश्चिमी बिहार में पछुआ शुष्क हवाएं 🌵 बह रही हैं, जो गर्मी और उमस का कारण बन रही हैं।

📅 तीन दिन का मौसम पूर्वानुमान – कहां होगी बारिश, कहां रहेगा तापमान?
🗓️ 1 जून का मौसम:
- इन जिलों में बारिश की संभावना नहीं: बक्सर, भोजपुर, कैमूर, रोहतास, अरवल, औरंगाबाद।
- बाकी सभी जिलों में होगी बारिश 🌧️: पटना, गया, भागलपुर, पूर्णिया, मधुबनी, सहरसा, समस्तीपुर सहित अन्य जिलों में झमाझम बारिश के आसार।
🗓️ 2 जून का मौसम:
- पूर्वी बिहार को छोड़कर सभी क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना जताई गई है।
- पटना, नालंदा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी जैसे जिलों में भारी वर्षा 🌩️ हो सकती है।
🗓️ 3 जून का मौसम:
- पश्चिम चंपारण, कोसी और सीमांचल क्षेत्रों में रेन अलर्ट जारी किया गया है।
- वज्रपात ⚡ और तेज हवा के साथ बारिश की संभावना।
⛅ अगले 7 दिन कैसे रहेंगे? जानिए विस्तृत रिपोर्ट
मौसम विभाग का कहना है कि अगले 7 दिनों तक बिहार में प्री-मानसून जैसी परिस्थितियां बनी रहेंगी। कहीं धूप और उमस तो कहीं तेज बारिश और वज्रपात की स्थिति देखने को मिलेगी। इसलिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
🚨 किस क्षेत्र के लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत?
- ग्रामीण इलाकों में रह रहे किसानों और मजदूरों को बारिश और बिजली गिरने से बचने की सलाह।
- छात्रों और दफ्तर जाने वाले लोगों को छाता और रेनकोट साथ लेकर चलने की हिदायत।
- बिजली विभाग को वज्रपात से बचाव के लिए ट्रांसफार्मर और तारों की मरम्मत पहले से करनी चाहिए।
📉 तापमान में उतार-चढ़ाव – गर्मी और उमस से कब मिलेगी राहत?
बारिश की वजह से कुछ इलाकों में तापमान में गिरावट 🌡️ दर्ज की गई है। जहां पहले पारा 40 डिग्री सेल्सियस पार कर चुका था, वहीं अब कई जिलों में तापमान 32-34 डिग्री के आसपास आ गया है। इससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली है।
🌀 प्री-मानसून एक्टिविटी का असर – क्यों हो रही है झमाझम बारिश?
- बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाएं बिहार की ओर मुड़ गई हैं।
- यह हवाएं अत्यधिक नमी लेकर आती हैं जिससे बादलों का निर्माण होता है।
- इस वजह से बिहार में मानसून से पहले की तेज बारिश और वज्रपात देखने को मिल रहे हैं।
🌧️ किस-किस जिले में वज्रपात का खतरा?
- पूर्णिया, सहरसा, कटिहार, मधेपुरा, जैसे जिलों में वज्रपात का खतरा ज्यादा बताया गया है।
- लोगों से कहा गया है कि बारिश या बादलों की गड़गड़ाहट के समय खुले में ना निकलें और सुरक्षित स्थान पर रहें।
🌡️ हीटवेव से राहत या और परेशानी?
गर्मी से राहत भले मिले, लेकिन उमस और अधिक नमी की वजह से बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई है।
✅ सावधानी बरतें, सुरक्षित रहें!
- मोबाइल पर मौसम अलर्ट ऑन रखें।
- खेतों या खुले मैदानों में बिजली चमकते समय न जाएं।
- अधिक बारिश वाले इलाकों में घर से निकलते समय छाता जरूर साथ रखें ☂️।
- सरकार द्वारा जारी अलर्ट पर ध्यान दें और उसका पालन करें।
❓FAQs – बारिश और मौसम से जुड़े कुछ सामान्य सवाल
Q1. बिहार में कब से मानसून पूरी तरह सक्रिय होगा?
उत्तर: मौसम विभाग के अनुसार, 15 जून के बाद बिहार में पूरी तरह से मानसून सक्रिय होने की उम्मीद है।
Q2. क्या इन बारिशों से फसलों को फायदा होगा?
उत्तर: हां, प्री-मानसून की बारिश से धान की बुवाई के लिए मिट्टी तैयार हो जाती है, जिससे किसानों को लाभ मिलेगा।
Q3. क्या बिजली गिरने का खतरा सभी जिलों में है?
उत्तर: नहीं, मुख्य रूप से उत्तर और पूर्वी बिहार के जिलों में बिजली गिरने की अधिक संभावना है।
Q4. क्या तापमान और घटेगा?
उत्तर: हां, बारिश के चलते तापमान में और गिरावट की संभावना जताई गई है।
Q5. बारिश कब तक चल सकती है?
उत्तर: अगले 7 दिनों तक रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी, खासकर दोपहर और शाम के समय।
📌 निष्कर्ष – तैयार रहें, सतर्क रहें!
बिहार में अगले कुछ दिनों तक मौसम का मिजाज बदलता रहेगा। कभी तेज बारिश तो कभी चटक धूप का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में सावधानी और सतर्कता बेहद जरूरी है। खासकर किसानों, स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को मौसम से जुड़ी जानकारी समय-समय पर लेते रहनी चाहिए।