हरियाणा-दिल्ली में 16 मई को आज का मौसम क्यों बना चर्चा का विषय? 125 साल की बारिश का रिकॉर्ड टूटा, IMD की चेतावनी जरूर पढ़ें ⚠️
मई का महीना जो आमतौर पर 🔥 लू और झुलसा देने वाली गर्मी के लिए बदनाम होता है, इस बार पूरी तरह से अलग नजर आ रहा है। दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में तापमान सामान्य से कम बना हुआ है और हवाओं के साथ हल्की बारिश भी देखने को मिल रही है। यह बदलाव आमजन के लिए राहत की खबर लेकर आया है, लेकिन इसके पीछे क्या है विज्ञान?
🌪️ मौसम में अचानक बदलाव के पीछे कौन हैं जिम्मेदार?
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस बार गर्मी में नरमी के पीछे पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) और साइक्लोनिक सर्कुलेशन (Cyclonic Circulation) जैसे प्रमुख मौसमी कारक जिम्मेदार हैं। इन कारकों के कारण:
- ☁️ तापमान सामान्य से नीचे रहा।
- 🌧️ मई में 125 वर्षों में दूसरी सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई।
- 💨 तेज़ हवाओं के साथ ठंडी फुहारें पड़ीं।
🌧️ 125 साल में दूसरी सबसे ज्यादा बरसात
इस साल मई महीने में बारिश ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। दिल्ली के सफदरजंग वेधशाला में जहां सामान्य बारिश 10.8 मिमी होती है, वहीं इस बार 91.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है — यानी 744% अधिक 🌧️।

🌬️ पश्चिमी विक्षोभ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन का प्रभाव
मौसम विभाग के अनुसार:
- उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश के ऊपर 1.5 किमी की ऊंचाई पर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है।
- हरियाणा में समुद्र सतह से 0.9 किमी ऊपर भी ऐसा ही एक सर्कुलेशन सक्रिय है।
- बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से लगातार नमी आ रही है जिससे पूरे उत्तर भारत में 🌩️ गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है।
🔍 दिल्ली में तापमान की स्थिति
- 25 अप्रैल के बाद 16 मई को पहली बार तापमान 43 डिग्री सेल्सियस को पार किया।
- उससे पहले तापमान सामान्य से नीचे ही बना रहा।
- वर्तमान में तापमान में फिर से गिरावट दर्ज की गई है।
🌦️ क्या आगे चलेगी लू? IMD की भविष्यवाणी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया है कि अभी अगले एक सप्ताह तक लू (Heatwave) की कोई संभावना नहीं है। हालांकि मई के आखिरी सप्ताह में पश्चिमोत्तर भारत में लू चलने के हालात बन सकते हैं।
📊 दिल्ली के पिछले कुछ हफ्तों के तापमान और बारिश का विश्लेषण
तारीख | अधिकतम तापमान | बारिश (मिमी) |
---|---|---|
1 मई | 38°C | 5.4 |
7 मई | 35°C | 12.6 |
12 मई | 37°C | 20.2 |
16 मई | 43°C | 18.7 |
नोट: बारिश और तापमान के ये आंकड़े सामान्य से कहीं अधिक हैं, जो साफ दर्शाते हैं कि इस बार मई का मिजाज पूरी तरह से बदल गया है।
🔎 इस असामान्य मौसम का असर क्या होगा?
- 😌 लोगों को गर्मी से राहत मिली है जिससे बाहर निकलने में आसानी हो रही है।
- 🧴 हीट स्ट्रोक के मामले कम हुए हैं।
- 🌱 कृषि कार्यों में भी लाभ मिल सकता है क्योंकि नमी बनी हुई है।
- लेकिन, 🌾 लंबे समय तक अधिक बारिश और ठंडी हवाएं फसलों के लिए नुकसानदायक भी हो सकती हैं।
📢 मौसम विभाग की चेतावनी पर ध्यान दें!
मौसम विभाग का कहना है कि बारिश और तेज हवाओं के कारण कुछ जगहों पर जलभराव और पेड़ों के गिरने जैसी समस्याएं आ सकती हैं। इसलिए बाहर निकलने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें।
❓ FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. क्या इस साल मई में दिल्ली में लू चलेगी?
👉 मौसम विभाग के अनुसार मई के आखिरी सप्ताह में लू चल सकती है, लेकिन अभी एक हफ्ते तक राहत बनी रहेगी।
2. क्या इस साल मई में बारिश सामान्य से अधिक हुई है?
👉 हां, अब तक दिल्ली में सामान्य से 744% अधिक बारिश दर्ज की गई है।
3. इस बदलाव का कारण क्या है?
👉 पश्चिमी विक्षोभ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन इस बदलाव के मुख्य कारण हैं।
4. क्या यह मौसम खेती के लिए अनुकूल है?
👉 हां, लेकिन अत्यधिक नमी लंबे समय तक रहने से नुकसान भी हो सकता है।
5. क्या जून में भी ऐसा ही मौसम रहेगा?
👉 जून की स्थिति आने वाले पश्चिमी विक्षोभ और मानसून की गतिविधियों पर निर्भर करेगी।
✅ निष्कर्ष: गर्मी का तेवर हुआ नरम, लेकिन सतर्कता ज़रूरी है!
इस साल मई महीने ने साबित कर दिया कि प्राकृतिक बदलावों की कोई गारंटी नहीं होती। जहां दिल्ली और उत्तर भारत में गर्मी से राहत है, वहीं जलवायु परिवर्तन की चिंता भी गहराती जा रही है। मौसम के इस बदले रुख का लाभ जरूर उठाएं, लेकिन सतर्कता बनाए रखें। 🌍