उत्तर भारत में ठिठुरन ने बढ़ाई परेशानी: जानें कब आएगा पश्चिमी विक्षोभ और कैसे बदलेगा तापमान
उत्तर भारत में सर्दी ने एक बार फिर से अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। सर्द हवाओं के चलते ठिठुरन बढ़ गई है, लेकिन तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। भारत मौसम विभाग (IMD) ने बताया है कि पाकिस्तान से एक नया पश्चिमी विक्षोभ 29-30 जनवरी के बीच उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में सक्रिय होगा। इसका असर फरवरी के पहले सप्ताह तक बना रह सकता है। आइए जानते हैं देश के विभिन्न हिस्सों के मौसम का ताजा हाल।
उत्तर भारत में फिर बदलेगा मौसम
उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में अभी ठंड का प्रभाव कुछ कम हुआ है। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के चलते तापमान में वृद्धि हो रही है, लेकिन इसे सर्दी के समाप्त होने का संकेत नहीं माना जा सकता। पश्चिमी विक्षोभ के कारण 29-30 जनवरी के दौरान उत्तर भारत के राज्यों में फिर से मौसम बदलने की संभावना है। हालांकि गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के दौरान मौसम शुष्क ही रहेगा।

दिल्ली और यूपी में बारिश की संभावना
दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में अगले कुछ दिनों में बारिश होने की संभावना है। IMD के अनुसार, पश्चिमी यूपी में कहीं-कहीं धुंध और हल्का कोहरा रहेगा, जबकि पूर्वी यूपी में मध्यम कोहरा छा सकता है। बारिश के साथ ठंड में भी इजाफा होगा, जिससे लोगों को एक बार फिर सर्दी का सामना करना पड़ेगा।
सर्द हवाओं का असर: ठिठुरन बढ़ी
उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में हाल ही में हुई बर्फबारी के चलते मैदानी क्षेत्रों में ठंडी हवाएं चल रही हैं। इन हवाओं के कारण तापमान में गिरावट देखी जा रही है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि शनिवार को न्यूनतम तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हो सकती है।
हवा की दिशा में बदलाव से ठंड बढ़ी
हाल ही में कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने और उत्तरी हवाओं के तेज होने के कारण ठंड का असर बढ़ गया है। हालांकि पहाड़ों पर कम बर्फबारी होने से हवा में ठंडक अपेक्षाकृत कम है। इसके अलावा, हवा में नमी की कमी के चलते बारिश की स्थितियां भी सीमित रही हैं।
दक्षिण भारत का मौसम: ठंडी हवाओं का असर
दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में हाल ही में हुई बारिश अब थम गई है। लेकिन उत्तरी-पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में हल्की ठंडी हवाएं चलने लगी हैं। इसके साथ ही विदर्भ के आसपास एक एंटी-साइक्लोन बनने वाला है, जिससे हल्की बारिश हो सकती है।
मौसम का पूर्वानुमान: फरवरी में बारिश
मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि फरवरी की शुरुआत में उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश हो सकती है। इसके पीछे दो प्रमुख कारण हैं – पश्चिमी विक्षोभ और हवा में बढ़ी हुई नमी। उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के चलते सर्दी का प्रभाव और अधिक बढ़ सकता है।
ठंड की शुरुआत और अवधि
इस बार ठंड अपेक्षाकृत देर से शुरू हुई। दिसंबर में तापमान सामान्य से अधिक था, लेकिन जनवरी की शुरुआत से ही ठंड ने जोर पकड़ लिया। हालांकि ठंड की अवधि लगभग 15 दिनों तक सीमित रही। अब तापमान फिर से गिरने की संभावना है।
निष्कर्ष
मौसम में बदलाव का सिलसिला अभी जारी रहेगा। उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर मैदानी इलाकों तक ठंड का असर बढ़ सकता है। वहीं, दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में हल्की ठंडी हवाएं चलेंगी। IMD के अनुसार, फरवरी की शुरुआत में बारिश और तापमान में गिरावट की संभावना है। ऐसे में आने वाले दिनों में ठंड के और बढ़ने के आसार हैं।